शिमला : हाईकोर्ट ने अटल टनल के आसपास कचरे के ढेरों पर कड़ा संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने मुख्य सचिव सहित प्रधान सचिव पर्यटन, लाहौल-स्पीति और कुल्लू के उपायुक्तों, बीआरओ दीपक प्रोजेक्ट, प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर परिषद मनाली को नोटिस जारी कर जवाबतलब किया है। अदालत ने प्रतिवादियों को शपथपत्र दायर कर क्षेत्र में फैली गंदगी को हटाने के लिए एक्शन प्लान की जानकारी कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने वाले नियम व पिछले एक वर्ष में वसूले गए जुर्माने की रकम की जानकारी भी मांगी है। अटल टनल के आसपास गंदगी रोकने के लिए बनाए गए अथवा बनाए जाने वाले प्रावधानों की जानकारी भी मांगी है। इसमें चेतावनी बोर्ड, डस्टबिन, पुरुषों और महिलाओं के लिए शौचालय और क्षेत्र को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे उपाय शामिल हैं। अटल टनल एक मशहूर पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है और बड़ी तादाद में पर्यटक लाहौल की खूबसूरत वादियों में घूमने आते हैं।
पर्यटकों की ओर से अटल टनल के आसपास कचरा फैलाया जा रहा है, जिससे गंदगी के ढेर लग गए हैं। यहां न तो पर्याप्त कूड़ेदान हैं और न ही पुरुषों और महिलाओं के लिए पर्याप्त शौचालय हैं। गौरतलब है कि यह सुरंग हिमालय की पीर-पंजाल शृंखला के उत्तरी क्षेत्र में रोहतांग दर्रे के नीचे बनाई गई है। 3200 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस टनल का लोकार्पण तीन अक्तूबर, 2020 को किया गया था। रक्षा मंत्रालय के तहत बीआरओ ने इसका कार्य पूरा किया था। मामले पर सुनवाई 17 अगस्त को होगी।