ग्रामीणो ने राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों, कर्मचारियो पर भ्रष्टाचार मे लिप्त होने के लगाए आरोप, प्रोजेक्ट के कार्यों की गुणवत्ता पर उठे सवाल
ब्यूरो रिपोर्ट/शिलाई: राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर फेस थ्री का कार्य कर रही एचईएस इन्फ्रा कम्पनी व राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत राजमार्ग निर्माण पर भारी पड़ रही है। बेखोप कम्पनी नियमों को ताक पर रखकर कंपनी घटिया सामग्री का इस्तेमाल करके विकास्तमक कार्य में लिपापोथी कर रही है। जिसके कारण राजमार्ग प्राधिकरण की कार्य प्रणाली जहां सवालों के घेरे में आ गई है। वहीं अधिकारियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लग रहे है।
वायर का कसाव ढीला है, दीवार के पथरों में कसाव न होने के कारण अन्य दीवारें गिरने की कगार पर आ गई है
जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर फेडवाला के समीप लगभग 100 मीटर क्रेटवायर कड़ी धूप में ताश के पत्तों की तरह गिर गई है। जबकि अभी बरसात का आना बाकी है। जिसकी ग्रामीणों ने राजमार्ग प्राधिकरण सहित स्थानीय प्रशासन को शिकायते की है। लेकिन मौका की कार्यवाही अम्ल में नही लाई गई है। एचईएस इन्फ्रा कम्पनी ने दीवारों में सबसे कम क्वालिटी की वायर का इस्तेमाल किया है। कच्ची नीव पर दीवारों को खड़ा किया गया है। दीवारों की बेसमेंट नियमों के अनुसार नहीं बनाई है। वायरक्रेट को सीधा खड़ा करके लगाया गया है। वायर का कसाव ढीला है। दीवार के पथरों में कसाव न होने के कारण अन्य दीवारें गिरने की कगार पर आ गई है। वायर इतनी घटिया किस्म की लगाई गई है, जो हाथ से टूट रही है। ऐसा एक जगह नही बल्कि पूरे पोर्जेक्ट में इसी तरह की लिपापोथी की गई है।
दीवार की टॉप, बॉटम से लगभग 1 से 3 फिट बाहर झुकी हुई, अधिकारियों पर सवालिया निशान
एचईएस कम्पनी की लगी अधिकांश दीवारों में बाहर को झुकाव आ गया है। जो कभी भी गिर सकती है। यदि सूत लगाकर टॉप से बॉटम को देखा जाए तो दीवार की टॉप, बॉटम से लगभग 1 से 3 फिट बाहर झुकी हुई दिखाई देगी। और राजमार्ग प्राधिकरण को ऐसे कार्य पसंद आ रहै है। संबंधित विभाग को एचईएस कम्पनी की घटिया कार्यप्रणाली दिखाई नहीं दे रही है। जो राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों पर सवालिया निशान खड़े कर रही है।
कंपनी अपने तरीके से कार्य करेगी, तार सीधे राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से जुड़े है, उनकी पेमेंट नही रुकने वाली है
क्षेत्रीय लोगों की माने तो एचईएस कम्पनी ने फेस थ्री का कार्य रुद्रा कंस्ट्रशन को पेटी पर दिया है। कंपनी क्रेटवायर की नीव को पक्का नहीं कर रही है। दीवारों में एक मीटर का बेस बनाकर सीधा खड़ा कर रही है। दीवारों में स्टेपिंग नियमों का इस्तेमाल नहीं किया गया है। इसलिए सीधी खड़ी दिवारों का गिरना लाजमी है। वायरक्रेट की नीव लगभग 3 मीटर होनी चाहिए। दूसरे स्टेप में 20 इंच छोड़कर दो मीटर होना चाहिए। जबकि तीसरा स्टेप एक मीटर का होना चाहिए। लेकिन कम्पनी सभी नियमों को ताकपर रखकर कार्य कर रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि जब घटिया क्वालिटी का कार्य करने की शिकायत कम्पनी के कर्मचारियों से की जाती है। तो कहते है कि कंपनी अपने तरीके से कार्य करेगी। क्योंकि उनके तार सीधे राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से जुड़े है। इसलिए उनकी पेमेंट नही रुकने वाली है।
राजमार्ग प्राधिकरण और इसके अधिकारी कम्पनी के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त
क्षेत्रवासी शिकायत करने भले ही दिल्ली चले जाएं, फिर भी कम्पनी की कार्यप्रणाली पर कोई फर्क पड़ने वाला नही है। राजमार्ग प्राधिकरण वही कहेगा। जो कंपनी चाहेगी। ग्रामीणों ने बताया कि कार्यवाही न करने वाला राजमार्ग प्राधिकरण और इसके अधिकारी कम्पनी के साथ भ्रष्टाचार में लिप्त है। इसलिए राष्ट्रीय राजमार्ग 707 का कार्य देख रहे अधिकारियों व कर्मचारियों सहित एचईएस इन्फ्रा कम्पनी पर केंद्र सरकार व केंद्रीय अधिकारी सख्ती से कार्यवाही अम्ल में लाकर सरकार का अरबों रुपए भ्रष्टाचारियों की जेबों में जाने से बचाएं, और क्षेत्र वासियों के लिए अच्छी क्वालिटी वाले राजमार्ग का निर्माण करवाएं।