कफोटा : राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर खौफनाक मंजर देखने को मिला है। बोहराड के सभी पहाड़ी से बड़े-बड़े पत्थर मार्ग की तरफ आने लगे हैं। जिसकी वजह से मार्ग अवरुद्ध हो गया है और क्षेत्रीय लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। भारी मात्रा में भूस्खलन होने के कारण मार्ग आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग 707 पर चौड़ीकरण का कार्य जोरों पर चल रहा है और मानव निर्मित भूस्खलन के कारण बोहराड़ के समीप लगातार पहाड़ों से भूस्खलन हो रहा है। इससे पहले भी बोहराड के समीप आए भूस्खलन के चलते लगभग 2 सप्ताह तक मार्ग अवरुद्ध रहा था और अब दोबारा इसी जगह पर भारी भूस्खलन होने लगा है।
बताया जा रहा है कि मौका पर कार्य कर रही राजमार्ग प्राधिकरण की निजी कंपनी ने यहां बेतरतीब पहाड़ों में अंडरकटिंग की है जिसकी वजह से लगभग 2 किलोमीटर ऊंची खाई यहां बन गई है। पहाड़ पर लगभग 2 किलोमीटर से अधिक ऊंचाई पर गहरी दरारें आ गई है और लगातार यहां पर बड़ी-बड़ी चट्टानें और पहाड़ गिरने का सिलसिला जारी है।
सूत्रों की मानें तो राजमार्ग प्राधिकरण के माध्यम से कार्य कर रही निजी कंपनी अपनी मनमर्जी से अंडरकटिंग कर रही है और पहाड़ों को भारी नुकसान पहुंचा रही है। इतना ही नहीं बल्कि यहां पर निजी भूमि को भी भारी नुकसान पहुंचाया गया है। और मार्ग के नीचे वाले वाशिंदो को हरपल डर सता रहा है कि यह मानव निर्मित भूस्खलन उनके परिवारों के चिराग लील लेगा। क्षेत्रीय लोगों ने जहां कार्य कर रही कंपनी पर मनमर्जी और दबंगई के आरोप लगाए है। वही विभागीय अमला, स्थानीय प्रशासन और राजमार्ग प्राधिकरण पर करोड़ों रुपए सरकारी धन के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए है।
राष्ट्रीय राजमार्ग 707 में वर्तमान में भूस्खलन होने के कारण दोनों तरफ दर्जनों वाहन फंस गए हैं और सैकड़ों यात्री घर जाने की राह में आसमान पर टकटकी लगाए बैठे है। लगातार हो रहे मार्ग पर भूस्खलन के कारण लोगों में भारी रोष व्याप्त है और मार्ग पर निजी कंपनी को कार्य न करने की बाते बता रहे है। क्षेत्रीय लोगों की माने तो भ्रष्टाचार में लिप्त राजमार्ग प्राधिकरण और प्रशासनिक अम्ला के साथ कार्य कर रही कम्पनी का घेराव किया जाएगा।
उधर राष्ट्रीय राजमार्ग 707 फिलहाल आवाजाही के लिए अवरुद्ध है और अगले दो दिनों तक मार्ग खुलने के आसार नजर नहीं आ रहे है। इसलिए राष्ट्रीय राजमार्ग 707 से गुजरने वाले वाहनों और आगतुओं को बाया उत्तराखंड प्रदेश से जाने की सलाह दी जा रही है।