हरिपुरधार (मनीष ठाकुर) : सिरमौर जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल हरिपुरधार की रमणीक वादियां जो मार्च महीने तक बर्फ से लकदक रहती थी इस बार बर्फ के बिना वीरान हो गई है। इस बार जनवरी में तीन बार हल्की बर्फबारी हुई थी। फरवरी माह में एक बार भी बर्फबारी न होने के क्षेत्र के किसान बागवान जहां परेशान है वही यहां आने वाले पर्यटक भी मायूस होकर वापस लौट रहे है।
कम संख्या में पहुंच रहे सैलानी
जनवरी में जब बर्फबारी हुई थी तो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली व चंडीगढ़ से भारी संख्या में पर्यटक बर्फबारी देखने के लिए हरिपुरधार पहुंचे थे। फरवरी में एक बार भी बर्फबारी नहीं हुई है इसलिए काफी कम संख्या में पर्यटक यहां पहुंच रहे है।
मंदी की मार झेल रहा व्यवसाय
कम बर्फबारी होने से यहां पर कम संख्या में पर्यटकों के पहुंचने से होटल व्यवसाय मंदी की मार झेल रहा है। यहां का होटल व्यवसाय पर्यटन पर ही निर्भर है। दिसंबर माह से ही हरिपुरधार में बर्फ गिरने शुरू हो जाती है, इसलिए दिसंबर से मार्च महीने तक यहां पर बर्फबारी देखने के लिए पर्यटकों का हुजूम उमड़ता है।
23 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा तापमान
आमतौर पर फरवरी माह में हरिपुरधार का अधिकतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान -7 डिग्री सेल्सियस तक तक रहता है मगर इस बार शनिवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री व न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जोकि सामान्य से काफी अधिक है।
गर्मियों में पैदा हो सकता है गंभीर पेयजल संकट
कम बर्फबारी होने से इस बार क्षेत्र में गर्मियों के दिनो में पेयजल का गंभीर संकट पैदा हो सकता है। कई प्राकृतिक जल स्रोत में अभी से ही वाटर लेवल घटने लगा है जिसके कारण कई इलाको में अभी से ही पेयजल संकट गहराने लगा है। क्षेत्र में जब अच्छी बर्फबारी होती है तो ऊंची चोटियों पर अप्रैल माह तक बर्फ जमी रहने के कारण प्राकृतिक जल स्रोत भी लंबे समय तक चार्जिज रहते है जिसके कारण क्षेत्र में पेयजल संकट से निजात मिलती है। यदि फरवरी में बर्फबारी नही होती है तो इस बार मई जून में पीने के पानी के लिए हाहाकार मच सकती है।