विधानसभा परिसर के मुख्य गेट पर न तो सीसीटीवी था, और न ही वहां कोई सुरक्षा गार्ड तैनात था, ऐसे में शरारती तत्व विधानसभा भवन के मुख्य गेट सहित दीवार के साथ छेड़छाड़ कर सकता है
धर्मशाला: प्रदेश की शिमला और धर्मशाला स्थित विधानसभा को भले ही देश की पहली ई विधानसभा (पेपरलेस) होने का दर्जा प्राप्त हो, लेकिन सुरक्षा रामभरोसे है। करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए तपोवन स्थित विधानसभा भवन की सुरक्षा में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है। तपोवन स्थित विस परिसर के भवन का पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 14 फरवरी, 2006 को शिलान्यास किया था। यहां का जिम्मा भी मात्र चार पुलिस कांस्टेबल और एक सब इंस्पेक्टर के हवाले है। खालिस्तान के झंडे लगाने के बाद अब पुलिस की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आ रही है। साथ ही पुलिस खाली हाथ महसूस हो रही है। शनिवार रात को विधानसभा परिसर के मुख्य गेट पर न तो सीसीटीवी था और न ही वहां कोई सुरक्षा गार्ड तैनात था। ऐसे में कोई भी शरारती तत्व विधानसभा भवन के मुख्य गेट सहित दीवार के साथ छेड़छाड़ कर सकता है।
पुलिस प्रशासन आम लोगों और दुकानदारों को अपने घरों व दुकानों आदि में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए जागरूक करता रहता है, लेकिन लोकतंत्र के मंदिर विधानसभा परिसर में ही सीसीटीवी कैमरे लगाना भूल गया। जिस विधानसभा परिसर में प्रदेश हित के लिए नियम और लोगों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए कानून बनते हैं, वही विधानसभा सदन सुरक्षित नहीं है तपोवन विधानसभा भवन में सरकार शीतकालीन सत्र का आयोजन हर वर्ष दिसंबर-जनवरी में करती है। इसमें माननीयों सहित कई प्रशासनिक ओहदेदार भी पहुंचते हैं। उस दौरान विधानसभा परिसर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा और सीसीटीवी कैमरों की निगरानी रहती है, लेकिन विधानसभा सत्र खत्म होते ही यह सारा तामझाम भी माननीयों के साथ ही गायब हो जाता है।
पुलिस अधीक्षक डॉ. खुशहाल शर्मा ने कहा कि जांच की जा रही है कि किसने यह किया है। अन्य जगह लगे सीसीटीवी की फुटेज भी खंगाली जाएंगी। विधानसभा परिसर में सीसीटीवी लगाने का प्रस्ताव था, लेकिन ये अभी तक नहीं लगे हैं। विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि विधानसभा भवन तपोवन में शरारती तत्वों की ओर से की गई यह घटना निंदनीय है। इन शरारती तत्वों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। विधानसभा परिसर में जल्द ही सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। सुरक्षा कर्मियों की भी तैनाती की जाएगी।