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वित्तीय हालात के लिए पूर्व भाजपा सरकार जिम्मेवार : मुकेश अग्निहोत्री

By Sandhya Kashyap

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शिमला : रविवार को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शिमला में पत्रकार वार्ता में कहा कि जब 14वां वित्तायोग आया तो उसके सामने तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने बहुत प्रभावशाली तरीके से अपना पक्ष रखा। तेरहवें वित्तायोग की तुलना में इसमें 232 प्रतिशत की मदद में बढ़ोतरी हुई। जयराम सरकार आई तो 14वें वित्तायोग की तुलना में 15वें वित्तायोग ने केवल आठ प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई। इससे बड़ा कोई भी सबूत नहीं हो सकता है कि जयराम सरकार वित्तीय मोर्चे पर पूरी तरह से असफल हुई है। जो सवाल पूछा जा रहा है, ये उसका जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 15वें वित्तायोग के समक्ष पूर्व जयराम सरकार हिमाचल प्रदेश का पक्ष सही तरीके से नहीं रख सकी। हिमाचल प्रदेश के वित्तीय हालात के लिए पूर्व सरकार पूरी तरह से जिम्मेवार है। जयराम सरकार 92,774 करोड़ रुपये की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष देनदारियां वर्तमान सरकार पर छोड़ गई है। अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में वित्त विभाग की आपत्तियों के बावजूद संस्थानों को खोला गया। इस संबंध में लाया गया श्वेत पत्र एक ऐसा दस्तावेज है, जिसे भाजपा खारिज नहीं कर सकती है।

2022 में जीएसटी प्रतिपूर्ति खत्म होने के बाद 2624 करोड़ रुपये कम हो गया है। 2023-24 की तुलना में राजस्व घाटा अनुदान 1319 करोड़ रुपये कम हो गया है। इसके लिए कौन जिम्मेवार है। शुरू में राजस्व घाटा अनुदान 11000 करोड़ रुपये दिया जा रहा था, जो 2025-26 में 3257 करोड़ रुपये हो जाएगा। केंद्र सरकार ने कर्ज की सीमा 2022-23 की तुलना में 2023-24 में 2836 करोड़ रुपये घटा दी है। एनपीएस के तहत 9000 करोड़ रुपये केंद्र के पास पड़ा है और इसे दिया नहीं जा रहा है, जबकि ओपीएस को शुरू किया गया है।