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तथ्यहीन समाचार छापने पर आधा दर्जन मीडिया संस्थानो को वन विभाग का स्पष्टीकरण नोटिस

By अखण्ड भारत

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Summary

Forest Department's clarification notice to half a dozen media organizations for publishing factless news

विस्तार से पढ़ें:

कुछ प्रिंट और सोशल मीडिया कर्मियों ने शिलाई के भटनोल बीट में देवदार के सैकड़ों पेड़ों को अवेध तरीके से काटने के समाचार प्रकाशित किए है, जो पूरी तरह तथ्यहीन पाए गए है: उर्वशी ठाकुर (डीएफओ रेणुका वन मण्डल)

शिलाई: बिना तथ्यों के समाचार प्रकाशित करने पर वन विभाग ने लगभग आधा दर्जन प्रिंट और सोशल मीडिया संस्थानों को नोटिस थमा दिए है। कुछ दिन पूर्व कुछ प्रिंट और सोशल मीडिया ने जिला सिरमौर के शिलाई वन परिक्षेत्र कार्यालय के अंतर्गत वन बीट भटनोल, ग्राम पंचायत भटनोल में अवैध तरीके से जंगल के अंदर पेड़ काटने के समाचार प्रकाशित किए थे। जो विभागीय जांच में तथ्यहीन समाचार पाए गए है। तथा वन विभाग ने तथ्यहीन समाचार लिखने वाले मीडिया कर्मियों सहित संबंधित संस्थानों को तलब करके गलत समाचार छापने पर स्पष्टीकरण मांगा है।

जानकारी के मुताबिक 18 मई को सोशल मीडिया साइटों के साथ कुछ प्रिंट मीडिया संस्थानों ने वन बीट भटनोल में वन काटुओं द्वारा अवैध तरीके से करीब 478 हरे भरे देवदार के पेड़ काटने की खबरे प्रकाशित करके क्षेत्र में सनसनी फैलाई थी। साथ में यह लिखा था कि वन काटुओ ने सड़क चौड़ीकरण का कार्य कर रही कम्पनी के साथ मिलकर शातिराना तरीके से मौका पर पेड़ों के ठूंठ भी गायब कर दिए है।

तथ्यहीन समाचार छापने पर आधा दर्जन मीडिया संस्थानो को वन विभाग का स्पष्टीकरण नोटिस

विभागीय सूत्रों के मुताबिक समाचार में कुछ लोगों के नाम प्रकाशित किए गए है। जिन्हे राहगीर बनाया गया है। आगे लिखा गया है कि वन काटुओं द्वारा अलग अलग जगह पर देवदार के पेड़ गिराए जा रहे है। तथा सैकड़ों देवदार के पेड़ों को काटकर ठिकाने लगाया जा रहा है। समाचार पत्रों में छपी फोटो पुरानी बताई जा रही है। समाचार में देवदार के पेड़ों को काटने का जिग्र किया गया है। जबकि फोटो में चीड़ के पेड़ों का जंगल और स्लीफर दिखाए गए है।

तथ्यहीन समाचार छापने पर आधा दर्जन मीडिया संस्थानो को वन विभाग का स्पष्टीकरण नोटिस

समाचार प्रकाशित होने के बाद त्वरित कार्यवाही करते हुए वन विभाग हरकत में आया तथा वन मंडल अधिकारी सहित विभाग के कर्मचारियों ने मौका का निरीक्षण किया। विभागीय टीम ने पूरे वन बीट क्षेत्र की जांच पड़ताल व स्थानीय लोगों से पूछताछ करने पर पाया कि जंगल के अंदर अवैध कटान करने का कोई मामला नहीं है। जो पेड़ सड़क निर्माण कटिंग के दौरान गिरे है। उनकी डीआर विभाग ने पहले ही काटी हुई है। और जो पेड़ सड़क अधिग्रहण वाले क्षेत्र की जद में आए है। उन्हे संबंधित विभाग काटकर ले गया है। जो फोटो प्रकाशित हुए समाचार में छपी है। वह निजी भूमि की फोटो बताई जा रही है। जिसकी पेमाइश विभाग दो महीने पहले ही करवा चुका है। निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि जिन मीडिया कर्मियों ने देवदार के पेड़ों को अवेध तरीके से काटने को लेकर समाचार प्रकाशित किए है। उनका झूठी ख़बर प्रकाशित करने के पीछे निजी स्वार्थ छिपा है। और वन बीट भटनोल में प्रिंट मीडिया व सोशल मीडिया साइटों पर छपा समाचार झूट व निराधार साबित हुआ है।

तथ्यहीन समाचार छापने पर आधा दर्जन मीडिया संस्थानो को वन विभाग का स्पष्टीकरण नोटिस

वन विभाग द्वारा संबंधित आधा दर्जन के करीब मीडिया संस्थानों को जुठी खबरें प्रकाशित करने पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। यदि जनाब संतोषजनक न आया तो वन विभाग द्वारा संबंधित मीडिया व् सोशल मीडिया संस्थानों के प्रति जहां विभागीय कार्यवाही अम्ल में लाई जाएगी वही हिमचाल पुलिस में झुटी ख़बरें छापने पर मामले दर्ज किए जाएंगे।

तथ्यहीन समाचार छापने पर आधा दर्जन मीडिया संस्थानो को वन विभाग का स्पष्टीकरण नोटिस

वन विभाग रेणुका मंडल अधिकारी उर्वशी ठाकुर ने मामले की पुष्टी करते हुए बताया कि कुछ प्रिंट और सोशल मीडिया कर्मियों ने शिलाई के भटनोल बीट में देवदार के सैकड़ों पेड़ों को अवेध तरीके से काटने के समाचार प्रकाशित किए है। जो पूरी तरह तथ्यहीन पाए गए है। इसलिए संबंधित समाचार को प्रकाशित करने वाले सोशल मीडिया सहित प्रिंट मीडिया संस्थानों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्पष्टीकरण आने के बाद आगामी कार्यवाही अम्ल में लाई जाएगी।

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तथ्यहीन समाचार छापने पर आधा दर्जन मीडिया संस्थानो को वन विभाग का स्पष्टीकरण नोटिस

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