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उत्तराखंडः गुलदार की दहशत के बाद हरकत में आया वन विभाग

By Alka Tiwari

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गुलदार

Summary

मसूरी वन प्रभाग के अंतर्गत बीते दिनों गुलदार के हमलों के बाद मसूरी वन प्रभाग ने दो टीमें क्षेत्र में रवाना की हैं। इसके साथ ही डीएफओ वैभव कुमार ने वन कर्मियों को जरूरी जानकारी दी। दो हफ्ते से मसूरी वन प्रभाग रेंज में गुलदार की दस्तक से क्षेत्र वासियों ...

विस्तार से पढ़ें:

मसूरी वन प्रभाग के अंतर्गत बीते दिनों गुलदार के हमलों के बाद मसूरी वन प्रभाग ने दो टीमें क्षेत्र में रवाना की हैं। इसके साथ ही डीएफओ वैभव कुमार ने वन कर्मियों को जरूरी जानकारी दी। दो हफ्ते से मसूरी वन प्रभाग रेंज में गुलदार की दस्तक से क्षेत्र वासियों में दहशत का माहौल है। वहीं बीते दिनों गुलदार द्वारा एक पांच वर्षीय बालक को अपना निवाला बना लिया गया था। इसके साथ ही एक बच्चे पर भी हमला किया गया था। जिसके बाद वन विभाग की टीम में क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है।

24 कर्मियों की दो टीमें तैनात

डीएफओ वैभव कुमार सिंह ने बताया कि बीते दो हफ्ते से देहरादून के दो क्षेत्रों में गुलदार देखे जाने की घटना प्रकाश में आई है। वहीं दो बच्चों पर हमला भी किया गया है। इस घटना को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने पूरी तैयारी की है और दोनों क्षेत्रों में 24 कर्मियों की दो टीमें बनाकर रवाना की गई है।

जिसमें एक टीम को पुरूकुल सिंगली गांव क्षेत्र में जहां पहली घटना हुई थी वहां रवाना किया गया है। जो चौबीसों घंटे मानिटरिंग करेगी। जबकि दूसरी टीम आईटी पार्क सहत्रधारा रोड पर तैनात किया गया है जहां पर दूसरी घटना घटी है।

फेक वीडियो दिखाकर फैलाया जा रहा है डर

डीएफओ वैभव कुमार सिंह ने कहा कि ये दुभार्ग्यपूर्ण है कि लोग इस घटना के फर्जी पुरानी वीडियो दिखाकर लोगों में भय फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ आईपीसी और आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

इसलिए बढ़ रहा है वन्यजीव मानव संघर्ष

प्रकृति प्रेमी और सामाजिक कार्यकर्ता रेनू पॉल ने कहा कि शहरी क्षेत्र बढ़ जाने और वन्य जंतुओं के क्षेत्र में मानव का दखल होने से गुलदार शहरों में आ जाते हैं। वहीं इन दिनों ब्रीडिंग सीजन होता है जिस कारण ये शहरी क्षेत्रों में आ जाते हैं। शहरी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में भी कैरिंग कैपेसिटी से अधिक निर्माण हो गए हैं। उनके बफर एरिया को भी नहीं छोड़ा जा रहा है। यहीं कारण है कि वन्यजीव मानव संघर्ष बढ़ रहा है।

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Alka Tiwari

अलका तिवारी, उत्तराखंड की वरिष्ठ महिला पत्रकार हैं। पिछले एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। प्रिंट मीडिया के विभिन्न संस्थानों के साथ ही अलका तिवारी इलेक्ट्रानिक मीडिया, दूरदर्शन व रेडियो में भी सक्रिय रहीं हैं। मौजूदा वक्त में डिजिटल मीडिया में सक्रियता है।