धर्मशाला : दो दिवसीय जी-20 सम्मेलन में सिरमौर जनपद के आसरा के कलाकारों ने विदेशी मेहमानों के समक्ष सिरमौरी के हाटी संस्कृति से जुड़े लोक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। धर्मशाला में आयोजित जी-20 सम्मेलन के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग के सौजन्य से विदेशी मेहमानों के लिए विशेष रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रम तैयार किया गया। इसमें सिरमौरी नाटी के साथ अन्य जिलों के लोक नृत्य को शामिल कर प्रदेश की समृद्ध संस्कृति की झलक से विदेशी मेहमान को रू-ब-रू कराया गया।
धर्मशाला स्थित एचपीसीए स्टेडियम के हाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज विभिन्न लोक वाद्य यंत्रों की धुनों पर जिला सिरमौर के आसरा के कलाकारों की सिरमौरी व कुल्लू नाटी से हुआ। जोगेंद्र हाब्बी के नेतृत्व में आसरा के कलाकारों ने स्वांग्टी गी ताल पर मुंजरा नृत्य, परात नृत्य, रासा व हुड़क नृत्य की प्रस्तुति देकर सिरमौरी लोक नृत्यों का मनमोहक प्रदर्शन किया। इसका विदेशी मेहमानों ने खूब आनंद लिया तथा जमकर तालियां बरसाईं। प्रदेश के अन्य जिलों के कलाकारों ने भी कुल्लुवी, लाहौली, मंडयाली, चम्बयाली तथा किन्नौरी लोक नृत्यों की प्रस्तुति से मेहमानों का भरपूर मनोरंजन किया।
आसरा संस्था जालग पझौता के संस्थापक व प्रभारी जोगेंद्र हाब्बी ने बताया कि इस सांस्कृतिक प्रस्तुति में जी-20 के मेहमानों को ठोडा नृत्य की झलक के साथ देव परंपराओं की झलक दिखाते हुए जिला सिरमौर की आसरा संस्था व कुल्लू के कलाकारों ने देव पालकी द्वारा देवयात्रा का प्रदर्शन करते हुए समृद्ध देव परंपराओं से भी रू-ब-रू करवाया।
हिमाचल की सांस्कृतिक परंपराओं को प्रदर्शित करने वाली लोक नृत्यों की अविराम प्रस्तुति को सुप्रसिद्ध कोरियोग्राफर पूनम शर्मा के निर्देशन में निदेशालय भाषा एवं संस्कृति विभाग के सौजन्य से तैयार किया गया। इसमें प्रदेश के चुनिंदा सांस्कृतिक दलों को शामिल कर एक बेहद आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम तैयार किया गया।
इस अंतरराष्ट्रीय स्तरीय कार्यक्रम में आसरा के कलाकारों में दल नेता जोगेंद्र हाब्बी के अलावा लोक नर्तकों में गोपाल हाब्बी, चमन, अमीचंद, दिनेश, सरोज, अनु, प्रिया, हेमलता शामिल थे। लोक गायक रामलाल व विमला के साथ ढोलक पर संदीप, ढोल पर चिरंजी, शहनाई व बांसुरी पर बलदेव, करनाल पर अनिल व रणसिंघा पर रवि दत्त ने संगत देकर सिरमौरी हाटी क्षेत्र के समृद्ध लोक नृत्यों के प्रदर्शन को मनमोहक बनाया। इससे पूर्व जनवरी माह में चंडीगढ़ के सुखना लेक के किनारे जी-20 सम्मेलन में उत्तरी भारत के प्रमुख लोक नृत्यों के प्रदर्शन में आसरा संस्था के कलाकार हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर विदेशी दर्शकों की वाहवाही लूट चुके हैं।