देहरादूनः बरसात के मौसम में कंजक्टिवाइटिस रोग इन दिनों तेजी से फैल रहा है। विशेषकर, बच्चों को यह संक्रामक रोग तेजी से शिकार बनाता है। चूंकि आंखें हमारे शरीर का सबसे नाजुक हिस्सा होती है और थोड़ी सी लापरवाही भी गंभीर परिणाम दे सकते हैं।
उत्तराखंड में आई फ्लू के रोजाना 30 से 40 मरीज
उत्तराखंड में तेजी से बदलते मौसम के साथ आई फ्लू फैल रहा है। देहरादून के कई स्कूलों में इस से बच्चे पीड़ित हैं। मिली जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल में वायरल कंजक्टिवाटिस यानी की आई फ्लू के रोजाना 30 से 40 मरीज पहुंच रहे हैं।
क्या है वायरल कंजक्टिवाइटिस ( Eye Flu) ?
वायरल कंजक्टिवाइटिस आंख का संक्रमण है। इसके कारण कंजक्टिवा, पलकों के अंदर और आंख के सफेद हिस्से को ढकने वाली झिल्ली में सूजन आ जाती है। आंखे लाल हो जाती हैं।
इस कारण फैलता है ये रोग
आमतौर पर वायरल कंजक्टिवाइटिस एडेनोवायरस के कारण होता है। जो कि संक्रमित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क में आने से फैलता है। इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के तौलिया, वाश क्लाथ या आंखों के मेकअप के संपर्क में आने से भी ये फैलाता है।
आई फ्लू के ये हैं लक्षण
आई फ्लू के लक्षणों में सबसे आम आंखें लाल होना और आंखों में खुजली होना है। इसके साथ ही सूजी और चढ़ी हुईं आँखे, आंखों से पानी या चिपचिपा पदार्थ निकलना, आंखों में जलन या खुजली महसूस होने के साथ ही सुबह पलकों पर पपड़ी जमना आई फ्लू के लक्षण हैं।
राहत के लिए अपनाए ये उपाय
आई फ्लू से राहत के लिए अपनी आंखों पर ठंडा सेक लगाना चाहिए। इसके साथ ही अपनी आंखों को भी ना मिले। अगर आंखों में जलन या खुजली ज्यादा महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
इन बातों को रखें खास ध्यान
- हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
- आंखों को बार-बार छूने से बचें।
- आई फ्लू होने पर आंखों के मेकअप से बचें।
- आई फ्लू होने पर स्विमिंग ना करें।
- दूसरों के साथ तौलिया, वाश क्लाथ या आंखों का मेकअप साझा करने से बचें।
- कांटेक्ट लेंस बाहर निकालें और निर्माता के निर्देशों के अनुसार ही साफ करें।
- आंखों के संपर्क में आने वाली किसी भी सतह को साफ और कीटाणु रहित करें।