HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

----

सरकार के प्रयासों से प्रदेश में 22 हजार गोवंश को मिला आश्रय : वीरेंद्र कंवर

By Sandhya Kashyap

Verified

Published on:

Follow Us

ऊना : देश की अर्थव्यवस्था में पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान है तथा ग्रामीण क्षेत्रों की बड़ी आबादी के लिए पशुपालन आय एवं स्वरोजगार का प्रमुख साधन भी है। इसलिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने पशुधन में वैज्ञानिक नस्ल सुधार, पशुपालन को बढ़ावा देने तथा इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाने के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं क्रियान्वित की है। 

वीरेन्द्र कंवर ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा अपने वर्तमान कार्यकाल में 123 नए पशु चिकित्सा संस्थान खोले गए तथा वर्तमान में 3548 चिकित्सा संस्थानों के माध्यम से पशुओं की नस्ल सुधार कर उन्हें चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। 

हाल ही में 60 पशु चिकित्सा अधिकारियों के पद बैचवाइज़ भरने की प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है तथा शीघ्र ही उन्हें नियुक्ति प्रदान की जाएगी। यही नहीं 507 पैरा वेट को कॉन्ट्रैक्ट पर लाया गया है। विभाग में चतुर्थ श्रेणी के 209 पद दैनिक वेतन भोगी आधार पर तथा 31 पद करुणामूलक आधार पर भरे गए हैं।

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा जिला ऊना के थाना खास में 9 करोड़ 95 लाख रुपए की लागत से गोकुल ग्राम, डंगेहड़ा 4 करोड 06 लाख रुपए की लागत से मुर्राह प्रजनन फार्म, बसाल में 44 करोड़ 12 लाख रुपए की लागत से डेयरी के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तथा जिला सिरमौर के बागथन में 4 करोड 64 लाख रुपए की राशि से पहाड़ी गाय फ़ार्म स्थापित किया जा रहा है।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

इसके अलावा प्रदेश में पांच और बड़े स्तर की नई गौशाला बनाई जाएंगी जिससे और अतिरिक्त गौवंश को आश्रय प्रदान करने में मदद मिलेगी। पशुपालन मंत्री ने बैटनरी फार्मेसिस्ट पदनाम में परिवर्तन करने सहित पैरावेट बैटनरी फार्मेसिसटों की सभी मांगों को भविष्य में चरणबद्ध तरीके से पूरा करने का आश्वासन दिया।

--advertisement--

इस अवसर पर ऊना जिला भाजपा अध्यक्ष मनोहर लाल शर्मा, हिमाचल प्रदेश पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ प्रदीप शर्मा, हिमाचल प्रदेश वैटनरी कालेज के डीन डॉ मनदीप शर्मा, पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक रवि प्रकाश व मनीष बत्ता, ऊना से पशुपालन के उपनिदेशक डॉक्टर जय सिंह सेन सहित पशुपालन विभाग के विभिन्न अधिकारी व कर्मचारी तथा स्थानीय लोग भी उपस्थित थे।