डेस्क: एक कलाकार के जीवन में शायद एकाध ही ऐसे मौके आते हैं, जहां उसे कोई ऐसी भूमिका निभाने को मिलती है, जो पहचान बन जाती है। ऐसा ही कुछ अभिनेत्री करुणा पांडे के साथ भी है। उन्हें धारावाहिक ‘पुष्पा इम्पॉसिबल’ में पुष्पा के किरदार से ऐसी ही लोकप्रियता हासिल हुई। आज बहुत से लोग उन्हें ‘पुष्पा’ नाम से ही जानते हैं। अदाकारा कहती हैं मैं ज्यादातर लीड किरदार ही करना पसंद करती हूं क्योंकि मैं चाहती हूं कि कहानी मेरी हो। उनके मुताबिक, टीवी में काम का ज्यादा दबाव होता है, यही वजह है कि तमाम फिल्मी कलाकार यहां काम नहीं कर पाते। इस खास बातचीत में उन्होंने अपने शो, इंडस्ट्री, काम के दबाव, प्लैटफॉर्म के अंतर समेत कई अन्य पहलुओं पर हमसे बातचीत की।
बतौर कलाकार मुझे प्लैटफॉर्म बदलने से फर्क नहीं पड़ता। टीवी में आप पांच-छह सीन हर दिन शूट करते हैं। सिनेमा में आप एक दिन में दो ही सीन करते हैं। इससे मानसिक सुकून और आराम मिलता है। टीवी में टेलिकास्ट, आउटपुट और क्वालिटी मेंटेन करने का दबाव होता है। यही वजह है कि कई फिल्मों के एक्टर टीवी में काम नहीं कर पाते क्योंकि उन्हें स्पीड, स्पेस और उसी वक्त आकर सीन तैयार करना, उनसे नहीं हो पाता क्योंकि उनकी प्रैक्टिस नहीं होती है। सारा खेल अभ्यास का है। मैं 18 साल से टीवी इंडस्ट्री में काम कर रही हूं। आप मुझे 10 पेज का सीन दे देंगे तो मैं कर दूंगी और अच्छा परफॉर्म करके दिखाऊंगी।