सराहां : करोड़ो रूपये की लागत से बना राजकीय महाविद्यालय सराहां अब मात्र एक दर्शनीय स्थल मात्र बन कर रह गया है। काफी राजनीतिक उठापटक के पश्चात वैसे तो इसे मॉडल कालेज के रूप में स्थापित किया जाना था लेकिन हकीकत में इसका अस्तित्व एक साधारण कालेज से भी बदतर हो गया है। गत वर्ष 3 सितंबर को माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कालेज के नए भवन का उदघाटन किया गया । लेकिन शिक्षा विभाग व राज्य सरकार की उदासीनता के चलते यहां पर पूरा स्टाफ न होने की वजह से इस वर्ष अधिकतर छात्र यहाँ से पलायन करने को मजबूर हो गये है।
गौरतलब है कि राजकीय महाविद्यालय सराहां में नए सत्र की प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है जिसमें तृतीय वर्ष के प्रवेश प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है । द्वितीय वर्ष की प्रवेश 16 तारीख से 20 तारीख तक की जाएगी इसी मध्य प्रथम वर्ष के नए छात्र छात्राएं भी ऑनलाइन प्रवेश के लिए अप्लाई कर रहे हैं । अभी तक सभी कला संकाय के अभ्यर्थियों ने ही प्रवेश के लिए अप्लाई किया हैं जबकि वाणिज्य विभाग के किसी भी बच्चे ने महाविद्यालय में प्रवेश के लिए अप्लाई नहीं किया है । जिसका सबसे बड़ा कारण है कि महाविद्यालय में दो में से एक भी वाणिज्य के प्राध्यापक नहीं है ।
लगभग एक महीना पहले एक वाणिज्य के प्राध्यापक के स्थानांतरण के राजकीय महाविद्यालय नाहन से राजकीय महाविद्यालय सराहां के लिए राज्य सरकार ने आदेश किए थे लेकिन आज तक किसी ने भी महाविद्यालय में ज्वाइन नहीं किया। महाविद्यालय के बहुत से छात्र-छात्राएं राजकीय महाविद्यालय सोलन के लिए माइग्रेट हो रहे हैं क्योंकि महाविद्यालय में वाणिज्य के कोई भी प्राध्यापक नहीं है। यही नही सभी के लिए कंपलसरी सब्जेक्ट इंग्लिश का भी कोई भी प्राध्यापक महाविद्यालय मे नही है। करोड़ों रुपए खर्च करके महाविद्यालय की भवन का निर्माण किया गया है लेकिन प्राध्यापक ना होने के कारण इसका लाभ स्थानीय छात्र छात्राओं को नहीं मिल रहा और छात्र-छात्राएं दूसरे महाविद्यालयों में पलायन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं। जिससे इलाके के ग्रामीणों की जेब पर गगन चुमती व कमर तोड़ती महंगाई के इस आलम में एक बोझ और बढ़ गया है।
स्थानीय जनता ने राज्य सरकार से मांग की है कि शीघ्र अति शीघ्र वाणिज्य विभाग में व अंग्रेजी विषय के प्राध्यापक उपलब्ध करवाएं ताकि छात्र-छात्राएं अपने स्थानीय महाविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर सकें।
उधर इस विषय पर जब महाविद्यालय के प्राचार्य हेमंत कुमार से बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि अधिकतर छात्र यहां से प्राध्यापक न होने के कारण सोलन के लिये माइग्रेट हो रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा महाविद्यालय नाहन से वाणिज्य विषय के एक प्राध्यापक के आर्डर सराहां महाविद्यालय के लिये एक माह पूर्व हुए हैं लेकिन अभी तक किसी ने जॉइन नही किया।
उन्होंने बताया कि हमने बड़ी मेहनत से पुस्तकालय सहित सभी सुविधाएं इस महाविद्यालय में उपलब्ध करवा कर अच्छी शिक्षा विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाने की कोशिश की है। लेकिन स्टाफ के अभाव में विद्यार्थियों का यहां से पलायन होना हमे भी कचोट रहा है।