आर्थिक संकट से गुजर रहा है पाकिस्तान, लोन चुकाने में हो सकता है डिफाल्ट
पाकिस्तान को उसके ही दोस्त चीन ने बड़ा झटका दे दिया और ब्रिक्स की बैठक में शामिल होने से रोक दिया। दरअसल, पाकिस्तान ड्रैगन की मदद से ब्रिक्स की बैठक में घुसना चाह रहा था लेकिन भारत के विरोध पर चीन को झुकना पड़ा। रूस ने भी भारत का साथ दिया।
कंगाल पाकिस्तान को अब सदाबहार दोस्त चीन ने भी दगा दे दिया है। वह भी पाकिस्तान के सबसे बड़े दुश्मन भारत के साथ मिलकर। पाकिस्तान ने एक चौकाने वाला फैसला करते हुए ब्रिक्स में घुसने की कोशिश की। ब्रिक्स की दुनिया के उभरती अर्थव्यवस्थाओं जैसे अल्जीरिया, आर्जेंटीना, कंबोडिया, मिस्र, इथोपिया, फिजी, इंडोनेशिया, ईरान, कजाखस्तान, सेनेगल, मलेशिया आदि के साथ बैठक में पाकिस्तान शामिल होना चाहता था लेकिन भारत ने चीन के साथ मिलकर पाकिस्तान का रास्ता रोक दिया। आइए जानते हैं कि चीन ने क्यों ‘दोस्त’ पाकिस्तान को छोड़कर भारत का साथ दिया.
पाकिस्तान की इस चाल को भांपकर भारत ने तेजी से ऐक्शन लिया और कथित रूप से ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहे चीन के साथ मिलकर इस्लामाबाद का रास्ता रोक दिया। बताया जा रहा है कि भारत के इस रुख का रूस ने भी समर्थन किया था और मजबूरन चीन को अपने आयरन ब्रदर पाकिस्तान का रास्ता रोकना पड़ा। ब्रिक्स के कार्यक्रम को पीएम मोदी ने भी संबोधित किया था। चीन ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया जब भारत के राजदूत ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से ब्रिक्स सम्मेलन से ठीक पहले मुलाकात की थी। इसमें द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की गई थी।
पाकिस्तान उभरते हुए बाजारों की श्रेणी में भी नहीं आता है जबकि ब्रिक्स के सम्मेलन में आमंत्रित देश इस श्रेणी में आते थे। आलम यह है कि पाकिस्तान कंगाली की हालत से गुजर रहा है और दुनियाभर से कर्ज की भीख मांग रहा है। पाकिस्तान श्रीलंका जैसे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि पाकिस्तान लोन चुकाने में डिफाल्ट हो सकता है। भारत और चीन से मिले बड़े झटके से बौखलाए पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि ब्रिक्स के डायलॉग में एक सदस्य देश के विरोध के कारण पाकिस्तान को ब्लॉक कर दिया गया।
इस संबंध में जब चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजिन से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर फैसला ब्रिक्स देशों के बीच विचार विमर्श के बाद लिया गया। उन्होंने और ज्यादा विवरण नहीं दिया। इस पूरे घटनाक्रम से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था और कहा कि भारत नेहरू और गांधी की नीतियों से भटक गया है। उधर, चीन पाकिस्तान में अपने नागरिकों की हत्या और सीपीईसी में हो रही देरी से भड़का हुआ है।