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Dr. Chanchal Sharma से जाने आखिर क्यों बढ़ रहा है इनफर्टिलिटी का खतरा ? जाने इसके पीछे का कारण

By Sandhya Kashyap

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Dr. Chanchal Sharma है  आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ WHO की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ गया है। जिसकी वजह से लगभग 10 से 15 प्रतिशत कपल्स को संतान प्राप्ति में बाधाओं का सामना करना होता है। इनफर्टिलिटी ...

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Dr. Chanchal Sharma है  आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ

WHO की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक स्तर पर इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ गया है। जिसकी वजह से लगभग 10 से 15 प्रतिशत कपल्स को संतान प्राप्ति में बाधाओं का सामना करना होता है।

Dr. Chanchal Sharma से जाने आखिर क्यों बढ़ रहा है इनफर्टिलिटी का खतरा ? जाने इसके पीछे का कारण

इनफर्टिलिटी वह दोष है जिसमे कोई भी कपल 1 वर्षों तक संतानप्राप्ति के उद्देश्य से अपने पार्टनर के साथ असुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाता है लेकिन उसके सारे प्रयास असफल हो जाते हैं। बाँझपन के लिए बहुत सारे कारक जिम्मेदार होते हैं लेकिन आजकल यह समस्या बढ़ती जा रही है।

इसके बढ़ने के पीछे के प्रमुख कारणों के बारे में बताते हुए आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री रोग विशेषज्ञ Dr. Chanchal Sharma ने बताया कि आजकल लोगों की जीवनशैली में होने वाले बदलाव, उनकी डाइट, बढ़ता प्रदूषण, तरह तरह की बीमारियां, कैरियर के प्रति बढ़ती जागरूकता और शादी में होने वाली देरी आदि कुछ ऐसे कारण हैं जो आमतौर पर इस समस्या के लिए जिम्मेदार है। 

Dr. Chanchal Sharma ने उनमे से कुछ प्रमुख कारणों की विस्तृत चर्चा इस प्रकार की है: 

बढ़ती उम्र : आजकल महिलाएं अपने कैरियर को लेकर बहुत सजग हो गयी हैं जिसकी वजह से कई बार शादी में देर हो जाती है और फिर जब प्रेगनेंसी प्लान करती हैं तो समस्याओं का सामना करना होता है। 35 की उम्र के बाद महिलाओं के अंडे की क्वालिटी और प्रजनन की क्षमता घटती जाती है, इसलिए डॉक्टर्स सलाह देते हैं कि आप 35 की उम्र से पहले प्रेगनेंसी प्लान कर लें। 

जीवनशैली : आधुनिक दौड़ में सभी लोग इतने व्यस्त हैं कि वो न तो अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रख पाते हैं न ही मानसिक स्वास्थ्य का और बढ़ते हुए कम्पटीशन की वजह से लोग मानसिक रूप से हमेशा तनाव में रहते हैं। ये समस्याएं ज्यादातर उन लोगों के साथ देखी जाती है जो शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं है, जो नियमित वर्कआउट नहीं करते हैं और बाहर का जंक फ़ूड ज्यादा खाते हैं। आजकल कूल बनने के चक्कर में लोग स्मोकिंग करते हैं लेकिन शायद वो इस बात से अनजान है की यही आदतें आपसे संतानसुख की खुशियां छीन सकती हैं। 

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बढ़ता हुआ प्रदुषण : बढ़ती हुयी जनसंख्या और विकास की होड़ ने प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ा दिया है कि साँस लेने के लिए शुद्ध वायु का अभाव हो गया है, खाने पिने की हर चीज में केमिकल्स का प्रयोग। इन सबने आपके शरीर में अलग अलग बिमारियों को बुलावा देकर प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित किया है जिसकी वजह से महिला और पुरुष दोनों में इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ता जा रहा है। 

जेनेटिक : कई बार आपके सारे रिपोर्ट्स नॉर्मल होते हैं, लाइफस्टाइल भी सही रहती है लेकिन फिर भी आप कंसीव नहीं कर पाते हैं। ऐसी स्थिति किसी जेनेटिक बीमारी या वंशानुगत कमी के कारण उत्पन्न हो सकती है।  

मेडिकल कंडीशन : यदि कोई महिला PCOD, Endometriosis, ovarian cyst, जैसी बिमारियों की शिकार है तो उसमे बांझपन का खतरा बढ़ जाता है। कंट्रासेप्टिव का अत्यधिक इस्तेमाल या कीमोथेरेपी की दवाइयों आपके स्वास्थ्य पर नाकारात्मक असर डालती है और निकट भविष्य में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है।