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डा. अब्राहम ने जाइका स्टाफ को सिखाए तनाव दूर करने के गुर,  फ्यूचरिस्टिक लीडरशिप पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

By Sandhya Kashyap

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शिमला : जाइका वानिकी परियोजना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तनाव से दूर रखने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। फ्यूचरिस्टिक लीडरशिप पर आधारित इस कार्यशाला का शुभारंभ परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर सिक्थ सेंस रिसोर्सेस के ...

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शिमला : जाइका वानिकी परियोजना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तनाव से दूर रखने के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। फ्यूचरिस्टिक लीडरशिप पर आधारित इस कार्यशाला का शुभारंभ परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक नागेश कुमार गुलेरिया ने दीप प्रज्वलित कर किया।

इस अवसर पर सिक्थ सेंस रिसोर्सेस के सीईओ डा. अब्राहम पी. रूबी ने यहां मौजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों को तनाव से दूर रहने के गुर सिखाए। उन्होंने सिक्थ सेंस रिसोर्सेस के सीईओ डा. अब्राहम पी. रूबी को हिमाचली टोपी व मफलर भेंट कर भव्य स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में हरेक व्यक्ति किसी न किसी कार्य से तनाव में रहते हैं। जिसके प्रभाव से बचने के के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। नागेश कुमार गुलेरिया ने यहां मौजूद गणमान्य व्यक्तियों को तनाव प्रबंधन के बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना हर वर्ष तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला आयोजित करती है। इस बार दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका शीर्षक फ्यूचरिस्टिक लीडरशिप है।

जाइका वानिकी परियोजना में सेवाएं दे रहे अधिकारियों, कर्मचारियों और स्टेक होल्डर्स को तनाव मुक्त बनाने के उद्देश्य से ही इस कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। सिक्थ सेंस रिसोर्सेस बेंगलूरू के विशेषज्ञ डा. अब्राहम पी. रूबी ने तनाव के कारण और उससे बचने के लिए वैज्ञानिक टिप्स दिए। डा. अब्राहम ने देश व दुनिया के लोगों में तनाव के कई कारणों के बारे अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि मानसिक, व्यक्तिगत, कार्यालय समेत कई तनावों के बारे जानकारी दी।

डा. अब्राहम ने कहा कि वैज्ञानिक तरीके से ही हर व्यक्ति तनाव से दूर रह सकता है। इस कार्यशाला में एपीसीसीएफ अनिल ठाकुर, जाइका वानिकी परियोजना के परियोजना निदेशक श्रेष्ठानंद शर्मा, जैव विविधता विशेषज्ञ डा. एसके कापटा, अतिरिक्त परियोजना निदेशक डीके विज, हिमाचल वन सेवा के सेवानिवृत अधिकारी एलआर चौहान, हिमालयन रिसर्च संस्थान के निदेशक डा. लाल सिंह, वन मंडलाधिकारी, हिमाचल वन सेवा के अधिकारी, जाइका वानिकी परियोजना मुख्यालय के कार्यक्रम प्रबंधक समेत अन्य कर्मचारियों ने भाग लिया।  कार्यशाला का समापन बुधवार को होगा।