ऊना : जिला शिक्षा विभाग की ओर से की गई जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। हमीरपुर में एक स्कूल प्रधानाचार्य सहित एक दर्जन पूर्व सैनिकों की अब तक की जांच में 12 शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध पाए गए हैं।
इसमें पहली से आठवीं कक्षा को पढ़ाने वाले 8 और 4 शिक्षक सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ाने वाले बताए जा रहे हैं। इनमें शारीरिक शिक्षक ज्यादा हैं। इनके प्रमाण पत्रों को जांच के लिए संबंधित विश्वविद्यालयों में भेजा गया है। रिपोर्ट एक सप्ताह में आने की उम्मीद है।
क्षेत्र के सभी सात शिक्षा खंडों के प्रमुखों को निर्देश दिए गए थे कि स्कूलों में तैनात अध्यापकों की डिग्रियां जांची जाएं और कोई संदिग्ध मामला आता है तो तुरंत विभाग को सूचित करें। इस पड़ताल के दौरान लगभग 12 शिक्षकों की डिग्री को लेकर संदेह जाहिर किया गया।
बताया जा रहा कि सभी शिक्षकों ने डिग्री बाहरी राज्यों के विश्वविद्यालयों से हासिल की हैं। ऐसे में उनकी डिग्री असली है या नहीं, इसकी जानकारी उन विश्वविद्यालयों से मांगी गई है। ध्यान रहे कि शिक्षा निदेशालय ने फर्जी प्रमाण पत्र मामले को गंभीरता से लिया है। इसमें शिक्षा उपनिदेशक को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि हर स्कूल में तैनात अध्यापकों के शैक्षणिक रिकॉर्ड की जांच हो।
उधर, जिले के शिक्षक संगठनों ने भी फर्जी डिग्री जैसे मामलों की गंभीरता से जांच की मांग उठाई है। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष राकेश शर्मा, महासचिव सत्येंद्र मिन्हास सहित सभी खंडों के प्रधानों ने कहा कि शिक्षा निदेशालय को ऐसे मामलों में सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए।
जिला प्रारंभिक एवं उच्चतर शिक्षा विभाग उपनिदेशक देवेंद्र चंदेल ने कहा कि जिले के स्कूलों में अध्यापकों की डिग्री की जांच प्रक्रिया जारी है। अभी तक करीब 12 डिग्रियां संदिग्ध पाई गई हैं। संबंधित विश्वविद्यालयों से जानकारी मांगी गई है। जल्द ही सच सामने आएगा।