डेस्क: सुप्रीम कोर्ट तक विरोध के बावजूद राजनीतिक दलों की एकता के कारण बिहार में जाति आधारित एक-एक आदमी की गिनती हो गई। रिपोर्ट में हरेक धर्म हर जाति के लोगों की संख्या बता दी गई है। बिहार में 81.99 प्रतिशत यानी लगभग 82% हिंदू हैं। इस्लाम धर्म के मानने वालों की संख्या 17.7% है।
ईसाई सिख बौद्ध जैन या अन्य धर्म मानने वालों की संख्या 1% से भी कम है। जिनकी संख्या 1 प्रतिशत से भी कम है, उनकी भी जातियों के लोगों की संख्या जारी कर दी गई है। जातियों को बांटकर गिना गया तो सबसे ताकतवर जाति नहीं बदली। आंकड़ें कह रहे हैं बिहार की आबादी 13,07,25,310 है। वहीं कुल सर्वेक्षित परिवारों की संख्या 2,83,44,107 है। इसमें पुरुषों की संख्या 4 करोड़ 41 लाख और महिलाओं की संख्या 6 करोड़ 11 लाख है। बिहार में प्रति 1000 पुरुषों में 953 महिलाएं हैं।
राजनीतिक रूप से ज्यादा सक्रिय पिछड़े और अन्य पिछड़ी जातियों के लिए यह आंकड़ा सुकून भरा है। सबसे रोचक आंकड़ा यह है कि बिहार में सामान्य वर्ग के लोगों की जितनी संख्या है, राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जाति के लोगों की संख्या लगभग उतनी ही है। बिहार में सबसे ज्यादा यादव 14.26% हैं। आंकड़ों ने यह भी बता दिया है कि हर तरीके से दिवंगत रामविलास पासवान की जाति यहां मायने रखती है। यादवों के बाद दुसाध जाति की संख्या 5.31% आई है। रविदास वर्ग के लोगों की संख्या भी थोड़ी ही कम है। 5.25% के साथ यह बिहार में तीसरे नंबर पर हैं।
- हिन्दू- 81.99% (10,71,92,958)
- मुस्लिम- 17.70% (2,31,49,925)
- ईसाई- 0.05% (75,238)
- सिख- 0.011% (14,753)
- बौद्ध आबादी 0.0851% (1,11,201)
- जैन- 0.0096%(12,523)
- अन्य धर्मों की आबादी 0.1274% (1,66,566)
- कोई धर्म नहीं मानने वाले- 0.0016% (2,146)
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी)- 36.1% (4,70,80,514)
- पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) 27.12%- (3,54,63,936)
- अनुसूचित जाति- 19.65% (2,56,89,820)
- अनुसूचित जनजाति – 1.68% (21,99,361)
- अनारक्षित (सामान्य वर्ग) 15.52% (2,02,91,679)