त्रिपुरा में लगातार चार दिनों से हो रही बारिश के कारण शुक्रवार को मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। राज्य सरकार की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि शुक्रवार को चार नई मौतें हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, सभी चार मौतें गोमती जिले में हुईं। पहले, पाँच लोग बाढ़ के पानी में बह गए थे और कम से कम 15 अन्य लोगों की अत्यधिक बारिश के कारण उनके मिट्टी के घर ढहने से मृत्यु हो गई थी। ये घटनाएं गोमती और दक्षिण त्रिपुरा जिलों के अलग-अलग क्षेत्रों में हुईं।
इसके अलावा, दो अन्य लोग अभी भी लापता हैं और दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जो भूस्खलन के कारण हुआ। हालांकि, अधिकांश क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घट गया है, लेकिन राज्य सरकार को लगभग 558 राहत शिविर खोलने पड़े हैं। इन शिविरों में लगभग 1.28 लाख लोगों को आश्रय दिया जा रहा है, क्योंकि त्रिपुरा को इस बार अभूतपूर्व बाढ़ का सामना करना पड़ा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि गोमती, दक्षिण त्रिपुरा, उनाकोटी और पश्चिम त्रिपुरा जिले बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। सभी नदियों में जल स्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है, केवल गोमती नदी सोनामुरा में खतरे के निशान से ऊपर है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, अब तक बाढ़ और बारिश से लगभग 5000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
इस बीच, गोमती और दक्षिण त्रिपुरा जिलों में एनडीआरएफ की टीम द्वारा बचाव कार्य जारी हैं। हेलीकॉप्टरों ने दूरदराज के क्षेत्रों में राहत कार्य के लिए उड़ानें भरी हैं और 11,000 से अधिक भोजन के पैकेट वितरित किए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई है।
बाढ़ के कारण प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है और उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। राज्य सरकार और राहत एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं ताकि जितनी जल्दी हो सके स्थिति को सामान्य बनाया जा सके। अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है और प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान की जा रही है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य प्राथमिकता के आधार पर किए जा रहे हैं, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके। सरकार की कोशिश है कि जितनी जल्दी हो सके, लोगों की जिंदगी को फिर से पटरी पर लाया जाए और सामान्य स्थिति बहाल की जाए।