सरसों तेल की कीमत दो सौ रुपये प्रति लीटर है, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं, उन्होंने कहा है कि आवश्यक वस्तु नियंत्रण अधिनियम के प्रावधानों का अमल नहीं हो रहा है।
भोपाल: बीते एक साल से सरसों तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है, सरसों तेल की कीमतें इतनी अधिक हो गई है, कि धीरे-धीरे आम लोग सस्ते तेलों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल किया है कि जब सरसों सस्ता है तो फिर तेल इतना महंगा क्यों है। दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार से पूछा है कि सरसों सस्ता, तेल महंगा। क्यों? उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु नियंत्रण अधिनियम के प्रावधानों का अमल नहीं हो रहा है। इसी कानून का संशोधन कर मोदी शाह सरकार बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाना चाहती हैं। दरअसल, आवश्यक वस्तु नियंत्रण अधिनियम को 1955 में बनाया गया था।
इस कानून के जरिए जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकना था ताकि लोगों को उचित मूल्य पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाया जा सके। अब केंद्र की सरकार ने 2020 में इसमें संशोधन किया है। संशोधन के वक्त सरकार की तरफ से कहा गया था कि अब भारत इन वस्तुओं का पर्याप्त उत्पादन करता है, ऐसे में इन पर नियंत्रण की जरूरत नहीं है। इस कानून के जरिए वस्तुओं के भंडारण की एक सीमा होती थी। इसमें खाद्य तेल भी आते थे।
गौरतलब है कि हाल ही में दिग्विजय सिंह को कांग्रेस पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। दिग्विजय सिंह को राष्ट्रीय मुद्दों पर आंदोलनों की योजना बनाने के लिए गठित कमिटी का अध्यक्ष बनाया गया है। इसके बाद से मोदी सरकार की योजनाओं और केंद्र की नाकामियों को लेकर वह मुखर रहते हैं।