शिमला : उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज यहां परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता की। सड़क सुरक्षा जागरूकता में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के दृष्टिगत यह कार्यशाला आयोजित की गई।
इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाएं आज स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रही हैं। प्रदेश में लगभग एक लाख 10 हजार से ज्यादा महिला वाहन चालक हैं। महिलाएं इस तरह के जागरूकता अभियान को प्रभावी ढंग से जन-जन तक पहुंचाने में अपनी सार्थक भूमिका निभा सकती हैं।उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय से प्रदेशभर में जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में वर्ष-2024 परिवहन के क्षेत्र में सुधारों का वर्ष होगा। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा व्यापक पैमाने पर चर्चा कर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम व योजनाएं बनाई गईं हैं। विभाग द्वारा राजस्व बढ़ाने के प्रयासों के साथ-साथ प्रणाली को संवेदनशील एवं पारदर्शी बनाने के लिए भी कार्य योजना तैयार कर कार्यान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य महिला वाहन चालकों से संवाद करना और उनके सुझावों क अनुरूप व्यवस्था में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि यातायात विनियमन की नवीनतम प्रणाली स्थापित करने के लिए पुलिस विभाग के साथ कार्य किया जा रहा है। इसके साथ-साथ परिवहन विभाग को 15 इंटरसेप्टर प्रदान किए जाएंगे। विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए सड़क सुरक्षा से संबंधित साहित्य और अन्य सामग्री तैयार की गई है।
निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप ने कहा कि उप-मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा पर यह जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की सफलता में महिलाओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं को शामिल किया गया है। महिला वाहन चालकों ने कार्यशाला के दौरान अपने अनुभव भी साझा किए। चौपाल के नेरवा की रहने वाली काजल मोक्टा ने कहा कि वह सभी प्रकार के वाहन चला लेती हैं। महिलाएं आज हर क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही हैं और उन्हें इस तरह के सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के लिए भी आगे आना चाहिए। शिमला में टैक्सी चालक भावना ने कहा कि वह लगभग 16 वर्षों से वाहन चला रही हैं और सदैव यह प्रयास रहता है कि अपने सहयोगियों के साथ-साथ आम लोगों को भी यातायात नियमों की अनुपालना के लिए जागरूक किया जाए। कार्यशाला में वरिष्ठ अधिकारी और अन्य हितधारक उपस्थित थे।