लाहौल के महिलाओं ने उमंग ग्राम संगठन गोंधला के नाम पर एक संगठन बनाया है, संगठन की अध्यक्ष पूनम पाल ने कहा कि उनके संगठन में घाटी के 13 स्वयं सहायता समूह शामिल हैं, इसमें 104 महिलाएं विभिन्न उत्पादों पर काम कर रही हैं।
लाहौल-स्पीति: लाहौल में पैदा होने वाला राजमा बाहरी राज्यों के लोगों को खूब भा रहा है। लोग लाहौल का राजमा ऑनलाइन मंगवा रहे हैं। मांग आने पर कूरियर से राजमा भेजे जा रहे हैं। इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भी पहल की है। प्रचार प्रसार में भी अहम कार्य कर रही हैं। स्वयं सहायता समूूह उमंग ग्राम संगठन गोंधला नामक संस्था के जरिये अपनी आर्थिकी सुदृढ़ करने में जुटी हैं। राजमा के साथ छरमा का जूस सहित कई पारंपरिक अनाज भी बाहरी राज्यों तक पहुंचा रही हैं। बाहरी राज्यों में राजमा के 250 से 280 रुपये प्रति किलो दाम मिल रहे हैं। छरमा जूस भी प्रति लीटर 1,100 रुपये तक बिक रहा है। महिलाएं गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, गोवा, मुंबई, दिल्ली और चंडीगढ़ के लोगों तक लाहौल का राजमा कूरियर से पहुंचा रही हैं। समृद्धि स्वयं सहायता समूह के प्रधान पूनम ने बताया जैसे ही उन्हें राजमा, सीवकथार्न के जूस सहित अन्य लोकल अनाज के उत्पादों की मांग आती है। समूह की महिलाएं उत्पादों को कूरियर से भेजती हैं।
सनी देयोल कर चुके हैं स्वाद की तारीफ, एसी है लाहौली राजमाह की खासियत
बॉलीवुड अभिनेता सनी देओल भी लाहौल के राजमा के मुरीद हैं। वह पिछले वर्ष जब लाहौल के तांदी स्थित सराय में रुके थे तो यहां के राजमा के स्वाद की खूब तारीफ की थी। अब अटल टनल रोहतांग के बनने के बाद पर्यटक भी काफी संख्या में लाहौल पहुंच रहे हैं। ऐसे में यहां धीरे-धीरे रोजगार के द्वार भी खुलने लगे हैं। लाहौल में पैदा होने वाला राजमा प्राकृतिक खेती से तैयार किया जाता है। इसमें किसी भी तरह का रासायनिक उर्वरक का इस्तेमाल नहीं होता है। राजमा की क्वालिटी बेहतर है। खाने में स्वादिष्ट होने के साथ इसे लंबे समय तक रखा जा सकता है। लाहौल के महिलाओं ने उमंग ग्राम संगठन गोंधला के नाम पर एक संगठन बनाया है। संगठन की अध्यक्ष पूनम पाल ने कहा कि उनके संगठन में घाटी के 13 स्वयं सहायता समूह शामिल हैं। इसमें 104 महिलाएं विभिन्न उत्पादों पर काम कर रही हैं।