भारी बारिश और बाढ़ की चेतावनी के बीच अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से बाढ़ आ गई। तेज बहाव के साथ आया पानी लंगर और 25 टेंट बहा ले गया। इसमें कई यात्रियों के बहने की सूचना है। देर शाम तक दस शव निकाल लिए हैं। घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ी तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुट गई हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि दस लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ लोगों को बचाया गया है।
गुफा के ठीक सामने लगे टेंट से लोगों को फौरन पहाड़ की ढलान तक सुरक्षित पहुंचाया गया।बताया जा रहा है कि शाम करीब 5.30 बजे बादल फटने से पवित्र अमरनाथ गुफा के ऊपर बाईं ओर से अचानक तेज बहाव के साथ पानी आ गया। उस दौरान बारिश की फुहार के बीच हजारों यात्री गुफा के ठीक सामने अपने टेंट में थे।
कुछ यात्री रेनकोट पहने बाहर भी खड़े थे। बाढ़ का पानी गुफा के सामने समतल मैदान के बीच से बहने लगा। इससे पहले कि कोई कुछ समझ पाता, पानी का तेज बहाव दो लंगर और 25 यात्री टेंट को चपेट में ले चुका था। यात्रियों में भगदड़ मच गई। आपदा प्रबंधन दलों ने यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया।
बाढ़ से बचने के लिए यात्री टेंट छोड़ पहाड़ की ढलान पर चढ़ गए। कश्मीर जोन पुलिस के आईजी विजय कुमार ने बताया कि पवित्र गुफा के पास बादल फटने से आई बाढ़ आ गई थी। तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। घायलों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है।
श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने सभी भक्तों से संयम रखने को कहा है। बोर्ड ने कहा है कि जिस स्थान पर भी यात्री हैं वह सुरक्षित जगह पर रुकें। सेना, एनडीआरएफ समेत सभी अर्धसैनिक बल रेस्क्यू कर रहे हैं। सभी को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जागएा। डर का माहौल न बनाए और सतर्क रहें।
गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से अमरनाथ गुफा में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के बारे में जानकारी ली। शाह ने ट्वीट करते हुए कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन बचाव कार्य में लगे हैं। लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है।