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2 दिग्गज के बीच कांटे की टक्कर, एक का इंदिरा गांधी से कनेक्शन

By Sushama Chauhan

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मिजोरम: विधानसभा चुनाव मे मतगणना चल रही है। 40 विधानसभा क्षेत्रों को नए विधायक मिलेंगे। प्रदेश में गत 7 नवंबर को 77.04 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। मुख्य मुकाबला जोरम पीपुल्स फ्रंट और मिजो नेशनल फ्रंट के बीच है। कांग्रेस दोनों को कांटे की टक्कर दे रही है। 2008 से 2018 तक मिजोराम में कांग्रेस काबिज रही। 2018 के चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट ने कांग्रेस का किला ध्वस्त करके सरकार बनाई। जोरामथंगा मुख्यमंत्री बने। 2018 के चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट ने सबसे ज्यादा 26 सीटें जीती थीं। कांग्रेस को 5, भाजपा को एक सीट मिली थी। 5 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते थे। 2 पार्टियों के बीच मुकाबला है, जोरामथंगा और लालदुहोमा है, जिनमें से एक का कनेक्शन इंदिरा गांधी है।

74 साल के लालदुहोमा जोरम पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष हैं और पूर्व IPS अधिकारी हैं। मिजोरम के मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी हैं। लालदुहोमा ने 1972 से 1977 तक मिजोरम के मुख्यमंत्री के प्रधान सहायक रहे। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने UPSC क्रैक किया। 1977 में IPS अधिकारी बने और गोवा में स्क्वाड लीडर बने। 1982 में वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सिक्योरिटी इंचार्ज बने। पुलिस कमिश्नर भी रहे। राजीव गांधी की अध्यक्षता में 1982 एशियाई खेलों की आयोजन समिति के सचिव रहे।

जोरमथांगा मिजोरम में लालडेंगा के डिप्‍टी थे। 13 जुलाई 1944 को जन्मे 79 साल के बुजुर्ग जोरमथांगा 1965 में मिजो पार्टी से जुड़े। फरवरी 1987 में मिजोरम पूर्ण राज्य बना और मिजो राजनीतिक पार्टी बनी। 1987 में जोरमथांगा ने चंपाई से चुनाव लड़ा और जीते। मिजो को 40 में से 24 सीटें मिली और सरकार बनाई। जोरामथंगा वित्त और शिक्षा मंत्री बने। 1990 में लालडेंगा के निधन के बाद वे पार्टी के अध्यक्ष बने। 1993 में पार्टी हारी तो नेता प्रतिपक्ष बने। 1998 में चुनाव जीता तो जोरामथंगा मुख्यमंत्री बने। 2003 में फिर मुख्यमंत्री बने। 2008 में पार्टी चुनाव हार गई। 2018 के चुनाव में पार्टी जीती और जोरामथंगा मुख्यमंत्री बने। 3 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।