शिलाई : आंगनबाड़ी वर्करज़ एवं हैल्परज़ यूनियन (सीटू) आंगनबाड़ी कर्मियों की विभिन्न मांगों बारे एसडीएम के माध्यम से आज ज्ञापन सौंपा। जिसमे कहा गया कि केन्द्र व राज्य सरकारें लम्बे समय से आंगनबाड़ी वर्करज़ एवं हैल्परज़ की मांगों के प्रति अड़ियल रवैया अपनाए हुए हैं। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी वर्करज़ एवं हैल्परज़ की मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। 45वें व 46वें श्रम सम्मेलन की सिफारिशों को लागू नहीं किया जा रहा है।
उन्होंने अपनी मांगो बारे कहा कि प्री प्राईमरी नियुक्तियों से आंगनबाड़ी कर्मियों को बाहर करने के प्रदेश सरकार के हाल के निर्णय को वापिस लिया जाए। केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को ही प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त किया जाए क्यूंकि छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का कार्य वर्तमान में आंगनबाड़ी कर्मी ही कर रहे हैं। प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी वर्करज को दिया जाए क्योंि क वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं व वे ही अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ई.सी.सी.ई.) का संचालन कर रहे हैं। इसलिए प्री प्राइमरी में उनकी नियमित नियुक्ति की जाए तथा इसकी एवज में उनका वेतन बढाया जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री प्राईमरी का दर्जा दिया जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों को माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार ग्रेच्युटी व अन्य सुविधाएं लागू की जाएं।
स्नातक की वरिष्ठता के आधार पर सुपरवाईजर पदों को तुरतं भरा जाए। पोषण ट्रैकर ऐप के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि सब कर्मियों के लिए लागू की जाए। केन्द्र सरकार द्वारा तत्काल डी.बी.टी. योजना पर रोक लगाई जाए। हि. प्र. में वेदांता कंपनी व नंद घरों के माध्यम से निजीकरण पर रोक लगाई जाए। वर्ष 2013 में हुए 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित किया जाए।
हरियाणा की तर्ज पर आंगनबाड़ी वर्करज़ व हैल्परज़ को मानदेय दिया जाए। हरियाणा की तर्ज पर ही आंगनबाड़ी वर्करज़ एवं हैल्परज़ का वेतनमान उनके सेवाकाल के हिसाब से तय किया जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए तीन हजार रुपये पेंशन, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा दी जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष की जाए। मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत वर्करज़ को अन्य आंगनबाड़ी वर्करज़ के समान वेतन दिया जाए व इन्हें पूर्ण आंगनबाड़ी वर्करज़ का दर्जा दिया जाए। इनके छुट्टी पर जाने की एवज में वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। आंगनबाडी कर्मियों को अपने आंगनबाड़ी केन्द्र के अलावा दूसरे आंगनबाड़ी केन्द्र का कार्य करने पर अतिरिक्त वेतन का भुगतान किया जाए। सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में मसालों व रजिस्टर की सुविधा विभाग द्वारा प्रदान की जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों को हर महीने समय पर वेतन का भुगतान किया जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों से लिखित परीक्षा के जरिए सुपरवाईजर भर्ती के लिए आयु सीमा समाप्त की जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों से सुपरवाईजर भर्ती के लिए 30 प्रतिशत कोटा मैट्रिक, 30 प्रतिशत कोटा स्नातक व 30 प्रतिशत कोटा एल.डी.आर. से लिया जाए।