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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दिए प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट यूनिट स्थापित करने के निर्देश

By Alka Tiwari

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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बुधवार को स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण तथा जल जीवन मिशन की समीक्षा की। इस दौरान रतूड़ी ने सचिवालय समेत राज्य के सभी सार्वजनिक भवनों, होटलों, बड़े संस्थानों में स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए। इस सम्बन्ध में सीएस ने सभी जिलाधिकारियों को होटल मालिकों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही रतूड़ी ने कहा कि पेयजल आपूर्ति से जुड़ी योजनाओं को समय से पूरा करना जिलाधिकारियों की निजी जिम्मेदारी है। प्रत्येक घर, स्कूल, आंगनबाड़ी में पेयजल आपूर्ति का सर्टिफिकेशन करवाना आवश्यक है।

प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट यूनिट स्थापित करने के दिए निर्देश

बैठक में मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को सभी ग्राम सभाओं द्वारा ओडीएफ प्लस कैटगरी के तहत उदीयमान, उज्ज्वल तथा उत्कृष्ट रेटिंग के लिए किये जा रहे कार्यों को IMIS पर अपलोड करने निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में वेस्ट मेनेजमेंट के तहत घरेलू स्तर पर टवीन पिट टॉयलेट्स, ग्रे वाटर के लिए एचएच सोक पिट, किचन गार्डन, कम्पोस्ट पिट के साथ ही सामुदायिक समाधानों पर विशेष बल देने के निर्देश दिए हैं।

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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट यूनिट स्थापित करने, सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक का प्रयोग करने, सेनेटरी वेस्ट मेनेजमेंट के लिए सभी सार्वजनिक स्थलों, पर्यटक स्थानों, होटल, रेस्टोरेंट, होम स्टे में रेड बिन लगाने के निर्देश दिए गए हैं। जनपदों में बायोमेडिकल वेस्ट मेनेजमेंट पर भी गम्भीरता से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।

पेयजल आपूर्ति का सर्टिफिकेशन करवाने के दिए निर्देश

प्रदेश में पेयजल के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को प्रत्येक घर, स्कूल, आंगनबाड़ी में पेयजल आपूर्ति का सर्टिफिकेशन करवाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पेयजल से सम्बन्धित गतिमान योजनाओं की जानकारी वाले स्कीम इर्न्फोमेशन बोर्ड सभी स्थानों विशेषकर पंचायत स्तर पर लगाने के निर्देश दिए गए हैं। पंचायतों में इन योजनाओं के सम्बन्ध में चर्चा करवाने के निर्देश भी सम्बन्धित अधिकारियों को दिए गए हैं।

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अधिकारियों को दिए फील्ड पर विजिट करने के निर्देश

जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों, आंगबाड़ियों एवं स्कूलों में पेयजल आपूर्ति के लिए अधिकारियों को अधिक से अधिक फील्ड विजिट करने, ब्लॉक स्तर, ग्राम स्तर से विस्तृत आंकड़े व सूचनाएं एकत्रित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही अधिकारियों को पेयजल आपूर्ति के साथ ही इस सम्बन्ध में शिकायतों के समय पर निवारण करने के लिए मेकेनिज्म मजबूत करने के निर्देश दिए गए।

नल जल मित्र का प्रशिक्षण करवाने के दिए निर्देश

इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों को गर्मी के मौसम को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त पेयजल आपूर्ति के लिए कन्टीजेन्सी प्लान (आकस्मिक योजना) तैयार करने, पंचायत स्तर पर नल जल मित्र का प्रशिक्षण करवाने, लीकेज को तत्काल रोकने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम लागू करने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने निर्देश दिए कि पेयजल आपूर्ति से जुड़ी योजनाओं को समय से पूरा करना जिलाधिकारियों की निजी जिम्मेदारी है। रतूड़ी ने सचिवालय समेत राज्य के सभी सार्वजनिक भवनों, होटलों, बड़े संस्थानों में स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए हैं।

भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग तथा पर्यटन मंत्रालय द्वारा संचालित स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम के तहत हॉस्पिटिलिटी क्षेत्र में होटल्स, होम स्टे, लॉजस, धर्मशालाओं, टै्रकिंग कैम्पस में स्वच्छता, शौचालय, ग्रे वाटर मेनेजमेंट, सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट तथा अपशिष्ट प्रबंधन के आधार पर स्वच्छता रेटिंग दी जाती है।

होटल मालिकों के साथ बैठक करने के दिए निर्देश

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसे प्रदेश के सभी सार्वजनिक भवनों एवं होटल्स, होम स्टे पर लागू करने की बात कही। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में जिलाधिकारियों को होटल मालिकों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि हमें राज्य में ग्रीन स्टेट की अवधारणा को बढ़ावा देना है तथा रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म को प्रोत्साहित करना है।

बैठक में मुख्य सचिव ने सेनिटेशन वर्कर्स के लिए बीमा योजना शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक के उपयोग के सम्बन्ध में एक बैठक लोक निर्माण विभाग तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के जल्द आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

ODF प्लस गांवों में राष्ट्रीय कवरेज 87.5 प्रतिशत

बैठक में जानकारी दी गई कि फरवरी 2024 तक ओडीएफ प्लस ग्रामों के मामले में राष्ट्रीय कवरेज 87.5 प्रतिशत है तथा उत्तराखण्ड में यह 87.36 प्रतिशत रहा है। राज्य के कुल 95 ब्लॉक में से 62 ब्लॉक में प्लास्टिक वेस्ट मेनेजमेंट यूनिट स्थापित हो चुकी हैं। राज्य के कुल 14977 ग्रामों में से 9848 ग्राम सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट से आच्छादित है। राज्य के 9890 ग्राम ग्रे वाटर मेनेजमेंट से आच्छादित हो चुके हैं।