शिमला : प्रदेश मेें इस मानसून सीजन के दौरान अभी तक हुए नुकसान का आकलन करने पहंुची केंद्र की अंतर-मंत्रालीय टीम ने शुक्रवार देर सायं यहां मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों से बैठक की तथा नुकसान की रिपोर्ट पर चर्चा की।
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में हुए नुकसान का गहन आकलन किया गया है। उन्होंने राज्य के अधिकारियों से कहा कि नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट के लिए दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करते हुए तथ्य प्रस्तुत किए जाएं। आपदा से हुए नुकसान के दृष्टिगत केन्द्रीय आपदा प्रतिक्रिया निधि से सहायता प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्तरों पर मामले को सही परिपेक्ष्य में प्रस्तुत करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में बारिश के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए स्पेस वेस्ड एप्लीकेशन की उपयोगिता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों के दौरान ड्रोन और आपदा मित्रों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस अवसर पर केन्द्रीय टीम के अध्यक्ष रविनेश कुमार ने बताया कि टीम ने दो अलग-अलग समूहों में आपदा प्रभावित ज़िलों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने राहत एवं बचाव के लिए स्थानीय प्रशासन और सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना भी की। रविनेश कुमार और टीम में अन्य सदस्यों ने रिपोर्ट के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
इस अवसर पर आपदा के दौरान विभिन्न राहत एवं बचाव कार्यों पर विस्तृत प्रस्तुतिकरण भी दिया गया। यह अवगत करवाया गया कि 24 जून से 14 जुलाई, 2023 तक सामान्य से 147 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है जबकि 7 से 11 जुलाई तक सामान्य से 436 प्रतिशत अधिक बारिश जबकि मानसून के दौरान अभी तक प्रदेश में भूस्खलन की 5480 घटनाएं, बादल फटने की 14 और फ्लैश फ्लड की 83 घटनाएं हुई हैं। इस अवसर पर राहत एवं बचाव कार्यों पर आधारित एक लघु वृतचित्र भी प्रस्तुत किया गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी, प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और अंतर-मंत्रालीय टीम के सदस्य बैठक में उपस्थित थे।