गृह जनपद पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी काफी सहज नजर आए। उन्होंने देव सिंह मैदान में धारचूला की व्यास और दारमा घाटी के वाइब्रेंट विलेज से आई महिलाओं के साथ बागेश्वरी चरखे और कतली में ऊन की कताई की।
रांच में पारंपरिक रूप से बनने वाला दन (कालीन) की बिनाई भी की। इतना ही नहीं दही मथने वाले बिंडा (लकड़ी का मटका) में फिरका चला कर मठ्ठा बनाया और उसका स्वाद भी लिया। जिसके लिए सीएम ने स्वयं ही सिलबट्टे पर पहाड़ी हरा नूण (नमक) पीसा। जाराजिबली से पहुंचे विशाल नगाड़े को भी बजाया।
मुख्यमंत्री धामी ने दीदी-बैंणी महोत्सव के दौरान बिण सिडकुल आस्थान में 253 उद्यमियों को व्यावसायिक भूखंड आवंटन के स्वीकृति पत्र भेंट किए। इस मौके पर पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन की काफी टेबल बुक का भी विमोचन किया। साथ ही मिलेट से निर्मित भिटोली का भी शुभारंभ किया।
सीएम धामी ने सभी से 22 जनवरी को अयोध्या में होने जा रहे रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन घर-घर में दीपोत्सव मनाने और मंदिर में भजन-कीर्तन कर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का गुणगान करने का आह्वान किया। महोत्सव में सांस्कृतिक दलों की ओर से रामभक्ति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। बच्चों द्वारा सुंदर रामलीला का मंचन किया गया।