चंबा : गुस्साई भीड़ ने वीरवार को भांदल में मनोहर लाल के हत्याकांड के आरोपियों का (टीनपोश) दो मंजिला मकान जला दिया। इससे पहले लोगों ने दोपहर बाद किहार थाने का तीन घंटे घेराव किया। पुलिस कर्मियों से धक्का-मुक्की के बाद बैरिकेड लांघकर लोगों की भीड़ थाने पहुंच गई। यहां लोगों ने पुलिस अधिकारी की गाड़ी का शीशा भी तोड़ दिया। थाने में विरोध प्रदर्शन करने के बाद संघणी के लिए रवाना हुई भीड़ ने हत्यारोपियों का मकान जला दिया।
पुलिस को रोकने के लिए लोगों ने किहार-लंगेरा मार्ग पत्थरों और पैरापिट से बंद कर दिया था। अप्रिय घटना के आशंका के चलते उपायुक्त चंबा और पुलिस अधीक्षक भीड़ के पीछे-पीछे पैदल चल दिए। पुलिस के मौके पर पहुंचने से पहले ही लोगों की भीड़ तितर-बितर हो गई।
भांदल में युवक की हत्या कर शव बोरे में डालकर ठिकाने लगाने के मामले में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। वीरवार को सलूणी, लचोड़ी, सुंड़ला, किहार, डियूर और भांदल में बाजार बंद रखकर लोगों ने रोष जताया। आसपास के क्षेत्रों से सुबह 12:00 बजे के भारी संख्या में लोगों की भीड़ किहार थाना के बाहर जुटना आरंभ हो गई थी। लोगों ने प्रशासन से मांग उठाई कि हत्या में शामिल पूरे परिवार को पकड़कर सख्त सजा दी जाए।
चंबा जिला दंडाधिकारी अपूर्व देवगन ने धारा 144 के प्रावधानों को जिले में आगामी 60 दिनों तक लागू करने के आदेश जारी किए हैं। जारी आदेश में कहा गया है कि बाहरी कामगारों, किरायेदारों, घरेलू श्रमिकों की बढ़ रही संख्या को लेकर पुलिस अधीक्षक द्वारा सूचित किए जाने पर एहतियातन असामाजिक तत्वों और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले लोगों की पहचान के लिए दो माह तक धारा 144 के अंतर्गत विभिन्न प्रावधानों को लागू किया गया है।
इसके अंतर्गत विद्युत परियोजनाओं के तहत ठेकेदारों या कंपनियों में लगे प्रवासी मजदूरों की पहचान और बाहरी राज्यों से आने वाले कपड़े, शाॅल इत्यादि बेचने और बर्तनों की साफ-सफाई से संबंधित कार्यों में लगे लोगों की पूर्ववृत्त पहचान आवश्यक है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि नियोक्ता, ठेकेदार, व्यापारी को प्रवासी मजदूरों को सेवा में संलग्न करने से पहले संबंधित पुलिस थाना में उनकी पहचान और सत्यापन के लिए एक पासपोर्ट आकार की फोटो के साथ विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
इसके अलावा स्वरोजगार की अवस्था में भी प्रवासी व्यक्तियों को संबंधित पुलिस थाना को सूचित करना होगा। जिले के सभी एसडीएम से ऐसे व्यक्तियों की निगरानी और नियमित रूप से समीक्षा करने को कहा गया है। सभी धार्मिक संस्थानों, पूजा स्थलों और परिसरों में ऐसे व्यक्तियों को बिना संबंधित थाना में पंजीकरण ठहरने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा उन्हें ठहराने वाले सभी व्यक्तियों का रिकॉर्ड रखना भी अनिवार्य होगा। आदेश के उल्लंघन पर धारा 188 के तहत कार्रवाई होगी।