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हमले का सीसीटीवी फुटेज मिला, 38 सेकेंड में किया गया धमाका, नहीं हुई हमलावर की पहचान

By Radha Sharma

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निशान सिंह ने रॉकेट चलित ग्रेनेड दागने वाले आरोपियों की मदद की थी

मोहाली: पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय के हमले का पहला सीसीटीवी फुटेज सामने आ गया है। 38 सेकेंड की फुटेज में दिख रहा है कि रोजाना की तरह मुख्यालय के पास गाड़ियों का आवागमन हो रहा है।  इस बीच एक सफेद रंग की कार आती दिखती है और अचानक बहुत तेज रोशनी के साथ कुछ सेकेंड के लिए सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग प्रभावित होती है। माना जा रहा है कि चलती कार से ही मुख्यालय पर रॉकेट चालित ग्रेनेड फेंका गया है। हालांकि फुटेज से हमलावर की पहचान नहीं हो रही है। फिलहाल सुरक्षा एजेंसियां और फोरेंसिक टीम फुटेज का विश्लेषण कर रही हैं।

मोहाली पुलिस ने तरनतारन के गांव कुल्ला निवासी निशान सिंह हिरासत में लेकर पूछताछ की। फरीदकोट पुलिस ने निशान को नशा व हथियार तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस पर डकैती, चोरी व नशा तस्करी के 13 केस दर्ज हैं। कुछ दिन पहले ही वह जेल से बाहर आया है। पुलिस और जांच एजेंसियों को शक है कि निशान सिंह ने ही रॉकेट चलित ग्रेनेड दागने वाले आरोपियों की मदद की थी।

कई घंटे पूछताछ के बाद मोहाली पुलिस ने उसे वापस फरीदकोट पुलिस के हवाले कर दिया है। फरीदकोट पुलिस ने उसका पांच दिन का रिमांड हासिल किया है। मोहाली पुलिस की ओर से बताया गया है कि बुधवार को भी निशान सिंह के अलावा कई अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। उनसे लगातार पूछताछ चल रही है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

हमले का सीसीटीवी फुटेज मिला, 38 सेकेंड में किया गया धमाका, नहीं हुई हमलावर की पहचान

बताया जा रहा है कि संदिग्ध कार की पहचान सबसे पहले मुख्यालय में पिज्जा देने आए डिलीवरी ब्वॉय ने की थी। उसने बताया था कि जब वह पिज्जा की डिलीवरी देने आया था, तभी उसने मुख्यालय के पास सफेद रंग की कार देखी थी। पिज्जा लेने वाले पुलिस अफसर ने भी बताया कि जब वह बाहर आए थे तो उन्होंने सफेद रंग की कार देखी थी। उसके कुछ समय बाद ही हमला हुआ था।

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जांच एजेंसियों को जो लांचर मिला था, उसका एक और हिस्सा फोरेंसिक टीम को मिला है। बरामद लांचर बिल्डिंग से करीब 400 मीटर की दूरी पर पड़ा हुआ था। पुलिस और सेना की टीम जांच कर रही है कि क्या इतनी दूरी से आरपीजी से वार किया जा सकता है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि आरपीजी की मारक क्षमता 700 मीटर तक है, लेकिन प्रभावी 350 मीटर तक रहता है। फोरेंसिक टीम ने सैंपल जांच के लिए लैब में भेज दिए हैं। 

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जांच के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने भी मौके का मुआयना किया है। टीम यह समझने के लिए आई थी कि इमारत को आरपीजी के इस्तेमाल से कैसे निशाना बनाया गया। स्पेशल सेल ने पिछले दिनों आईएसआई-खालिस्तान नेटवर्क पर कई खुलासे किए थे।

तरनतारन से पकड़े गए निशान सिंह को पहले मोहाली हमले का आरोपी बताया गया। जिले के एसएसपी रणजीत सिंह ढिल्लों ने भी अधिकारिक बयान दिया कि धमाके में निशान सिंह की संलिप्तता सामने आ रही है। उसे मोहाली पुलिस को सौंप दिया गया है। 

गिरफ्तारी की खबर मिलते ही चंडीगढ़ व दिल्ली की जांच एजेंसियां सतर्क हो गईं। आरोपी के गांव में मीडियाकर्मी पहुंचने लगे।  स्थानीय पुलिस ने भी तुरंत निशान सिंह का रिकॉर्ड खंगालकर मीडिया के सामने ला दिया।

देर शाम फरीदकोट की एसएसपी अवनीत कौर सिद्धू ने कहा कि निशान सिंह को अवैध हथियार के केस में पकड़ा है। बाद में उसे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। देर शाम मोहाली पुलिस ने भी कहा कि उसने किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।