खुशखबरी: कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष और बोर्ड निगमों से पांच दिन के भीतर डाइंग कैडर के पदों का ब्यौरा मांगा
शिमला: हिमाचल के सरकारी विभागों और बोर्ड निगमों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों को विभागों में मर्ज करने का फार्मूला तैयार हो गया है। सरकारी विभागों में वर्ष 2000 से 2022 तक डाइंग कैडर में डाले गए पदों के अगेंस्ट यह मर्जर होगा। इस बारे में कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष और जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्ष और बोर्ड निगमों से पांच दिन के भीतर डाइंग कैडर के पदों का ब्यौरा मांगा है। यह डिटेल आने के बाद फिर कैबिनेट सब कमेटी की बैठक होगी और एडवाइजरी विभागों से चर्चा के बाद सिफारिशें फाइनल होंगी।
सभी विभागों से एक निर्धारित फार्मेट पर यह जानकारी मांगी गई है। इसमें विभागों को बताना होगा कि पिछले 22 साल में कितने पद डाइंग कैडर में डाले गए या सरेंडर किए गए। स्वीकृत पदों की संख्या कितनी थी और उनमें से वर्तमान में कितने पद भरे हुए हैं और कितने पद समाप्त कर दिए गए हैं, यह सारी डिटेल कैबिनेट सब कमेटी को देनी होगी। उसके बाद कैबिनेट सब कमेटी आगे का रास्ता तय करेगी। मंत्री महेंद्र सिंह की अध्यक्षता वाली कैबिनेट सब कमेटी में दो अन्य मंत्री सुरेश भारद्वाज और सुखराम चौधरी हैं।
उधर, कैबिनेट सब कमेटी के साथ बात करने के लिए आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ ने अपनी एक स्टीयरिंग कमेटी बना दी है। इसमें महासंघ के अध्यक्ष शैलेंद्र शर्मा चेयरमैन हैं जबकि 11 अन्य सदस्यों को शामिल किया गया है। इन सदस्यों में पवन किक्टा , अवधेश सरोच, यदुपति चौहान , मोहिंद्र सिंह नेगी , राजेश चौहान , यशु मेहता , संजय शर्मा , कुश भारद्वाज, नितिन चौहान , रमेश चंद और पुनीत वर्मा शामिल हैं। कैबिनेट सब कमेटी से आगामी सभी बैठकों में यही स्टीयरिंग कमेटी बैठक में शामिल होगी।