CAA लागू करने के केंद्र सरकार का निर्णय स्वागत योग्य : अभाविप
CAA को लागू करने के निर्णय का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश सहमंत्री मनीष बिरसान्टा ने बयान जारी कर स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय भारत के सुरक्षा और राष्ट्रीय हित को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। CAA के माध्यम से, असहाय धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को नागरिकता के अधिकारों का लाभ मिलेगा। इसके माध्यम से, सरकार ने असहाय और परेशान लोगों के लिए न्याय का दायरा बढ़ाया है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश सहमंत्री मनीष बिरसान्टा ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपने स्थापना काल से ही राष्ट्र हित, समाज हित, और छात्र हित के लिए मांग उठाने का काम करती आई है। विद्यार्थी परिषद हमेशा से ही राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्र नीतियों के लिए कार्य करती आ रही है।
मनीष बिरसान्टा ने बताया कि आज़ादी के समय पाकिस्तान में गैर-मुस्लिमो की संख्या 23 प्रतिशत थी, जो आज घटकर महज 3 प्रतिशत रह गयी हैं। यह तथ्य अपने आप में दिखलाता हैं की किस प्रकार पड़ोसी देशो मेंअल्पसंख्यकों को योजनाबद्ध तरीके से उनके धर्म आधार पर परेशान और प्रताड़ित किया जा रहा है। CAA के अंतर्गत, भारत में धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों को नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रदान किया जाता है, जो अकेले अपने देश में परेशानियों का सामना रहे है।
मनीष बिरसान्टा ने बताया कि कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों द्वारा इस अधिनियम को लेकर भ्रांतियां फैलाई जा रही है जो कि निराशाजनक है। उन्होंने बताया कि यह नागरिकता देने का कानून है, CAA से किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता नही जाएगी, चाहे वह किसी भी धर्म का हो। यह कानून हर विदेशी के लिए नहीं है, यह केवल उन लोगों के लिए है जिन्हें वर्षो से धर्म के आधार पर उत्पीड़न सहना पड़ा और जिनके पास दुनिया मे भारत के अलावा और कोई जगह नही है।
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