12 दिनों में आठ विधानसभा क्षेत्रों का प्रवास, कांग्रेस की सक्रियता के बीच भाजपा ने सूबे के सबसे बड़े जिला कांगड़ा पर फोकस कर दिया है
एक महीने में सीएम ने कांगड़ा को दिए सात अरब रुपये, खन्ना और राणा कांगड़ा में कर रहे माइक्रो मैनेजमेंट
कांगड़ा: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की सक्रियता के बीच भाजपा ने सूबे के सबसे बड़े जिला कांगड़ा पर फोकस कर दिया है। आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के रोड शो के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मिशन रिपीट के लिए मोर्चा संभाल लिया है। केजरीवाल के मंडी रोड शो के बाद खुद जेपी नड्डा को सियासी मैदान में कूदना पड़ा। अचानक चारों संसदीय क्षेत्रों में उनके मैराथन दौरों की योजना बनी। इसमें सबसे ज्यादा तवज्जो कांगड़ा जिले को दी गई।
केजरीवाल की कांगड़ा रैली से एक दिन पहले जेपी नड्डा ने 22 अप्रैल को कांगड़ा के नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र में रोड शो और जनसभा की थी। अगले दिन कांगड़ा चंबा संसदीय क्षेत्र के पदाधिकारियों को मिशन रिपीट का मंत्र दिया। अब 20 दिन के भीतर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा दूसरी बार शुक्रवार को कांगड़ा पहुंचे। एयरपोर्ट पर उनका रोड शो हुआ। भाजयुमो के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर को मनाली से धर्मशाला शिफ्ट किया गया। दोनों दौरों में भाजपा ने हिमाचल में नड्डा को ब्रांड एंबेसडर के रूप में उतारा। दरअसल, नड्डा हिमाचल से हैं, इसलिए उनके लिए हिमाचल में सरकार को रिपीट करवाना अपने आप में बड़ी चुचुनौती है। उधर, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को भी कांगड़ा के मिशन पर भेज दिया गया है। 14 मई को उनका कांगड़ा दौरा है।
जयराम ठाकुर ने भी एकाएक कांगड़ा पर ज्यादा फोकस किया। उन्होंने एक महीने में कांगड़ा जिले में 12 दिन में आठ विधानसभा क्षेत्रों का प्रवास किया। सीएम ने पालमपुर, सुलह, नगरोटा बगवां, शाहपुर, ज्वालाजी, इंदौरा, कांगड़ा, धर्मशाला, जवाली में राजनीतिक बैठकें और 719 करोड़ के उद्घाटन और शिलान्यास किए। नड्डा के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दो दिन तक धर्मशाला में बुलाने की तैयारी मुख्यमंत्री कर रहे हैं। भाजपा कांगड़ा पर खास वजह से फोकस कर रही है। सूत्रों के अनुसार हाल ही में हाईकमान की ओर से हिमाचल के विधानसभा क्षेत्रों में करवाए गए सर्वे में सबसे ज्यादा खराब स्थिति कांगड़ा में पाई गई थी। इस सर्वे में सिर्फ दो विधानसभा क्षेत्र की स्थिति संतोषजनक पाई गई थी। इसके बाद नड्डा और मुख्यमंत्री दोनों ने कांगड़ा पर फोकस कर दिया है। इसके अलावा पार्टी प्रभारी अविनाश राय खन्ना और संगठन महामंत्री पवन राणा कांगड़ा जिला में बैठकें कर माइक्रो मैनेजमेंट में लग गए हैं। हर चुनाव में सत्ताधारी सरकार कांगड़ा में हारकर ही सत्ता गंवाती है इसलिए भी कांगड़ा पर टारगेट ज्यादा है।