HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

BJP में पहले बहू की एंट्री, तो क्या अब हरक भी थामेंगे फिर से भाजपा का दामन!

By Alka Tiwari

Verified

Published on:

Follow Us

BJP पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की बहू के भाजपा का दामन थामने के बाद कई तरीके के सवाल जहां सियासी गलियारों में तैर रहें हैं तो वहीं हरक सिंह रावत की भाजपा में एंट्री की भी चर्चाएं हो रही हैं। लेकिन हरक की बहू की भाजपा में एंट्री होने पर भाजपा विधायक ने अपनी एक पोस्ट के जरिए बड़ा सवाल भी उठा दिया है।

BJP ANUKRITI

पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की पुत्रवधू अनुकृति गुसाईं के भाजपा का दामन थामने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि हरक सिंह रावत के ऊपर चल रही ईडी की पूछताछ और अनुकृति गुसाईं से भी मामले में पूछताछ होने की वजह से अनुकृति गुंसाई ने डर के मारे भाजपा ज्वाइव की है। जबकि कुछ लोगों का मानना है कि हरक ने पहले बहू की एंट्री भाजपा में करवाई है। उसके बाद हरक भी भाजपा का दामन थाम लेंगे।

BJP ने दिया महिलाओं को सम्मान, राज्यसभा हार से बदले कांग्रेस के समीकरण : राजीव 

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

पहले बहू की कराई BJP में एंट्री अब खुद भी थामेंगे दामन !

बता दें कि साल 2022 के विधानसभा चुनाव में BJP के द्वारा पहले हरक सिंह रावत को पार्टी से बाहर का रास्ता कांग्रेस में जाने की अटकलें पर दिखाया गया। तो वहीं फिर सीएम धामी ने हरक को कैबिनेट मंत्री पद से भी बर्खास्त कर दिया था।कई दिनों तक दिल्ली में दिल्ली डेरा डालने के बाद हरक सिंह रावत और अनुकृति गुसाईं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।

हालांकि राजनीति के चतुर खिलाड़ी हरक सिंह रावत को कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया। लेकिन अनुकृति गुसाईं को लैंसडाउन विधानसभा से टिकट दे दिया। अनुकृति ने चुनाव लड़ा लेकिन वो हार गईं और राजनीति के पुरोधा माने जाने वाले हरक अपनी बहू को भी चुनाव नहीं जीता पाए।

ईडी की पूछताछ ने बढ़ाई हरक की मुश्किलें

लोकसभा चुनाव में हरक ने कांग्रेस से हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई। लेकिन इसी बीच पाखोरो टाइगर सफारी के नाम में भ्रष्टाचार के मामले में हरक की सीबीआई जांच और उसके बाद ईडी की पूछताछ ने हरक की मुश्किलें बढ़ा दी। हरक का चुनाव लड़ना तो दूर की बात हो गई बल्कि हरक की मुश्किलें और भी बढ़ने लगी हैं। हरक के करीबियों से भी ईडी ने पूछताछ शुरू कर दी है।

बीते कुछ समय से उत्तराखंड में चर्चा शुरू हो गई है कि हरक की उत्तराखंड की सियासत में राजनीति की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। लेकिन इस बीच बहु अनुकृति ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में मतदान और अनिल बलूनी को जिताने की अपील कर दी। फिर चुनाव समाप्त होते ही भाजपा का दामन थाम लिया।

क्या हरक की दोबारा होगी BJP में वापसी?

अब चर्चाओं का बाजार गर्म है कि हरक भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। लोगों का कहना है कि हरक ने पहले बहू की भाजपा में एंट्री कराई और अब खुद भी भाजपा में जाने वाले हैं। हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि हरक सिंह रावत का निष्कासन भाजपा हाई कमान के द्वारा किया गया है और भाजपा हाई कमान ही उनके पार्टी में शामिल होने पर विचार करेगा। फिलहाल हरक का भाजपा में शामिल होने का कोई प्रस्ताव नहीं आया है।

अनुकृति के ऊपर ईडी की जांच को अब किस तरफ ले जाएगी BJP

अनुकृति गुसाईं के भाजपा में शामिल होने पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और चकराता से विधायक प्रीतम सिंह का कहना है कि अनुकृति के भाजपा में जाने की बात उसी दिन साफ हो गई थी जिस दिन उन्होंने भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। वो अनुकृति को भाजपा में जाने की शुभकामनाएं देते हैं उनका भविष्य भाजपा में उज्जवल हो। लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि अनुकृति के ऊपर ईडी द्वारा पूछताछ चल रही है। अगर वो जांच में दोषी पाई जाती हैं तो उन्हें इस बात को पार्टी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है उस स्थिति में पार्टी उन्हें जबरन बाहर का रास्ता दिखा देगी।

BJP में एंट्री पर लैंसडाउन विधायक की पोस्ट चर्चाओं में

अनुकृति गुसाईं की BJP में एंट्री पर लैंसडाउन से भाजपा विधायक दिलीप रावत की एक पोस्ट भी चर्चाओं का विषय बनी है जो उन्होंने अनुकृति गुसाईं के भाजपा में शामिल होने के बाद किया। जिसमें उन्होंने राम तेरी गंगा मैली हो गई है पापियों के पाप धोते-धोते लिखा है। जिसके बड़े मायने निकाले जा रहे हैं।

ऐसे में देखना यही होगा कि आखिरकार दूसरे दल से आने वाले नेताओं को लेकर पार्टी के भीतर जिस तरीके से कई नेता अपनी पीड़ा भी व्यक्त कर रहे हैं। तो आने वाले समय में क्या BJP के भीतर कोई असंतोष का गुबार भी फूटेगा या फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के दर से सब नेता केवल सोशल मीडिया के जरिए ही अपनी पीड़ा व्यक्त कर चुप हो जाएंगे।