जानिए JP Nadda के राजनीतिक करियर से जुड़ी दिलचस्प बातें
हिमाचल प्रदेश की राज्यसभा सीट से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा (JP Nadda) ने सोमवार रात इस्तीफा दे दिया। 20 फरवरी को JP Nadda गुजरात से राज्यसभा सांसद के चुने गए थे। इसके अलावा तीन अन्य उम्मीदवारों को गुजरात से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था। गुजरात की राज्यसभा की चार सीटें खाली थीं। सत्तारूढ़ भाजपा ने सभी सीटों के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए थे। अब JP Nadda गुजरात से संसद पहुंचे। हालांकि अभी राज्यसभा सांसदों के शपथ ग्रहण की कोई तारीख का एलान नहीं हुआ है।
JP Nadda का इस्तीफा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने स्वीकार कर लिया है। जारी किए गए पार्लियामेंट्री बुलेटिन में लिखा है, ‘हिमाचल प्रदेश राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले राज्यों की परिषद (राज्यसभा) के निर्वाचित सदस्य जगत प्रकाश नड्डा(JP Nadda) ने राज्यसभा में अपनी सीट से इस्तीफा दे दिया। उनके उनका इस्तीफे को सभापति ने चार मार्च को स्वीकार कर लिया है।’
भाजपा अध्यक्ष JP Nadda के अलावा राज्यसभा के जिन तीन भाजपा नेताओं को राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया है, उनमें हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया, भाजपा नेता जसवंत सिंह परमार और मयंक नायक शामिल हैं।
यह बात स्पष्ट है कि वर्ष 2024 चुनाव के बाद JP Nadda केंद्र सरकार में गुजरात से राज्य सभा सांसद के तौर पर नई पारी खेलेंगे, इससे पहले JP Nadda हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सांसद के होने के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। भाजपा ने JP Nadda के नेतृत्व में खुद को पहले से कहीं अधिक मजबूत किया है। हिमाचल से JP Nadda के स्थान पर कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए हर्ष महाजन ने राज्यसभा चुनाव जीत कर जगह बनाई है। जबकि जेपी नड्डा को गुजरात से निर्विरोध राज्यसभा सांसद चुना गया है।
JP Nadda 2020 में वर्ष बने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
जेपी नड्डा ने 2020 में पूर्णकालिक पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला। जनवरी 2023 में, राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया गया। “भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में जेपी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
जानते है भाजपा में चाणक्य की भूमिका निभाने वाले JP Nadda के राजनीतिज्ञ जीवन व राजनीतिक सफर के बारे में
JP Nadda का जन्म 2 दिसंबर, 1960 को ब्राह्मण परिवार में हुआ है। इन्होंने स्कूली शिक्षा सेंट जेवियर्स स्कूल पटना से प्राप्त की है। पटना विश्वविद्यालय में प्रवेश लेकर ग्रेजुएशन किया और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से L.L.B की डिग्री हासिल की है। इनका विवाह 11 दिसंबर, 1991 को डॉ. मल्लिका से हुआ, तथा दो बच्चे पिता भी हैं।
JP Nadda की सास जयश्री बनर्जी पूर्व लोकसभा सदस्य हैं। वर्ष 1975 में जेपी नड्डा ने *सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन* में शामिल होकर राजनीति में प्रवेश किया। सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन की शुरुआत जयप्रकाश नारायण (जेपी) ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निरंकुश शासन के खिलाफ की थी। इन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल होकर छात्र राजनीति में प्रवेश किया। वर्ष 1977 में एबीवीपी के टिकट पर पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के सचिव के रूप में चुनाव जीता। इन्होने एबीवीपी में विभिन्न पदों पर काम किया।
JP Nadda को 29 वर्ष की आयु में 1989 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की युवा शाखा के चुनाव प्रभारी के रूप में बड़ी जिम्मेदारी प्रदान की गई। 31 वर्ष की आयु में यानी वर्ष 1991 में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने। JP Nadda के पिता पटना विश्वविद्यालय में बतौर वाइस-चान्सेलर थे, इसलिए बचपन से लेकर विश्विद्यालय तक की पढ़ाई को इन्होंने यहीं से पूरा किया और इसी विश्वविद्यालय से इनके युवा राजनीति की शुरुआत शुरू हुई।
हिमाचल प्रदेश से 3 बार लगातार लोकसभा चुनाव जीत कर केंद्र सरकार में पहुंचे JP Nadda
JP Nadda ने गृह राज्य हिमाचल प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ा और लगातार तीन बार लोकसभा सदस्य चुनकर जनता ने इनको केंद्र में भेजा है। तीन कार्यकालों तक वह 1993 से 1998, 1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। इन्होंने वन, पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित कई मंत्रालयों को संभाला और जनता की सेवा के साथ सरकार में बैठ कर विकास के आयाम स्थापित किए, नड्डा 1998 से 2003 तक कैबिनेट मंत्री रहे, जून 2019 में भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में इनको नियुक्त किया गया, और अमित शाह भाजपा प्रमुख बने रहे।
JP Nadda का वन अपराधियों को रोकने में रहा अहम योगदान
जेपी नड्डा को वन अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य में फॉरेस्ट पुलिस स्टेशन स्थापित करने के लिए भी जाना जाता है। इन्होंने शिमला में हरित आवरण को बढ़ावा दिया और इसके लिए उन्होंने राज्य में कई वृक्षारोपण अभियान चलाए। भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, विभिन्न प्रतिनिधियों के हिस्से के रूप में इन्होंने कोस्टा रिका, ग्रीस, टर्की यूके, कनाडा, इत्यादि कई देशों का दौरा भी किया।
केंद्रीय राजनीति में JP Nadda का अनुभव रहा सराहनीय
2012 में जेपी नड्डा राज्यसभा सांसद चुने गए, साथ ही परिवहन, पर्यटन और संस्कृति समितियों के सदस्य रहे। वर्ष 2014 से 2019 तक नड्डा स्वास्थ्य मंत्री बने रहे। जेपी नड्डा लंबे समय से भाजपा में एक स्तम्भ की तरह काम कर रहे हैं और आरएसएस के साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं। जेपी नड्डा को राजनीति में दशकों का अनुभव है जो संगठन को लाभान्वित कर रहा है।
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