HomeOnline Quizस्वास्थ्यशिक्षा/नौकरीराजनीतिसंपादकीयबायोग्राफीखेल-कूदमनोरंजनराशिफल/ज्योतिषआर्थिकसाहित्यदेश/विदेश

छत्तीसगढ़: अनुसूचित जनजातियों से संबंधित विधेयक राज्यसभा में पारित, जानें किसे मिलेगा लाभ

By Sushama Chauhan

Updated on:

Summary

डेस्क: छत्तीसगढ़ में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, साओंरा और बिंझिया समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने वाले संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 को राज्यसभा ने मंजूरी दे दी। चर्चा के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया। इस दौरान मणिपुर हिंसा पर ...

विस्तार से पढ़ें:

डेस्क: छत्तीसगढ़ में धनुहार, धनुवार, किसान, सौंरा, साओंरा और बिंझिया समुदायों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल करने वाले संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 को राज्यसभा ने मंजूरी दे दी। चर्चा के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित किया गया। इस दौरान मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों ने सदन का बहिष्कार किया।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि विधेयक पर चर्चा के दौरान जो भी विचार या सुझाव सामने आए हैं, सरकार उनके बारे में रचनात्मक तरीके से विचार करेगी। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर जनजातीय समाज की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले नौ सालों में पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने जनजातीय समाज की समस्याओं के समाधान के लिए सकारात्मक पहल की हैं।

आज जो संशोधन विधेयक लाया गया है इनमें 12 आदिवासी जातियां हैं और इनकी संख्या 72 हजार के करीब है। उन्होंने कहा, ‘‘संख्या जरूर कम है लेकिन यह दर्शाती है कि सरकार जनजातीय समुदाय के लोगों के हितों को लेकर कितनी संवेदनशील है।’’ बता दें कि पिछले साल दिसंबर में लोकसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक, 2022 को ध्वनिमत से पारित कर दिया था।

इस दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह ने भी 12 समुदायों को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और अर्जुन मुण्डा को धन्यवाद दिया। रेणुका सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज की 42 जातियां निवास करती हैं। जिन 12 जातियों को सूची में लाने के लिए यह संशोधन प्रस्ताव लाया गया है, उनमें से 10 जातियां लिपिकीय त्रुटियों के कारण संविधान में मिलने वाले अधिकारों और लाभ से आजादी के इतने वर्षों बाद भी वंचित थीं।

Sushama Chauhan

सुषमा चौहान, हिमाचल प्रदेश के विभिन्न प्रिंट,ईलेक्ट्रोनिक सहित सोशल मीडिया पर सक्रीय है! विभिन्न संस्थानों के साथ सुषमा चौहान "अखण्ड भारत" सोशल मीडिया पर मोजूदा वक्त में सक्रियता निभा रही है !