एनआईए और सेना को मिले सबूतों से चौंके अधिकारी
मोहाली: पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर सोमवार शाम को हुए हमले में फतेहगढ़, अंबाला और तरनतारन से 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं। पुलिस ने उस लांचर को भी बरामद कर लिया है, जिससे रॉकेट चलित ग्रेनेड (आरपीजी) को दागा गया था। लांचर चीन निर्मित बताया जा रहा है। पंजाब पुलिस के डीजीपी वीके भावरा ने बताया कि आरपीजी में ट्रिनिट्रोटोल्यूइन (टीएनटी) विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। इसका इस्तेमाल आमतौर पर श्रीनगर में आतंकी हमले के दौरान होता रहा है। डीजीपी ने दावा किया, पुलिस को कई लीड मिली हैं, जिनके आधार पर जल्द ही इस केस को सुलझा दिया जाएगा। घटनास्थल पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और सेना की टीमें भी पहुंचीं। उधर, मोहाली पुलिस ने सोहाना थाने में विभिन्न धाराओं के तहत अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
अब तक की जांच में पता चला है कि हमलावर अंबाला की ओर भागे हैं। संदिग्ध सफेद रंग की स्विफ्ट कार की आखिरी लोकेशन दप्पर टोल प्लाजा के पास मिली है। सूत्रों ने बताया कि हमलावर स्विफ्ट कार में थे। कार के अंदर से उन्होंने खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी को दागा। वारदात को अंजाम देने के बाद हमलावर एयरपोर्ट रोड से वाया डेराबस्सी होते हुए अंबाला की ओर जाते दिखे हैं।
मंगलवार दोपहर तीन के बजे के करीब दोबारा पुलिस खुफिया मुख्यालय के बाहर धमाका होने की अफवाह फैल गई। कई राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर ब्रेकिंग न्यूज चल गई। सूचना मिलते ही पुलिस की टीमें हरकत में आ गई। इसके बाद एसएसपी विवेकशील सोनी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा है कि यह मात्र अफवाह थी।
सेक्टर-77 स्थित पंजाब पुलिस का खुफिया मुख्यालय ही आरोपियों के निशाने पर था, क्योंकि इसमें पंजाब पुलिस के कई विंग चलते हैं। पुलिस के आला अफसर भी यहीं बैठते हैं। जांच में पता चला है कि हमलावरों का निशाना चूक गया है। विस्फोटक अंदर जाने के बजाय दीवार से टकराया है।
खुफिया मुख्यालय पर हुए हमले को गंभीरता से लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने डीजीपी को पूरी घटना की गहराई से जांच करने के निर्देश दिए हैं ताकि इस घटना की तह तक पहुंचा जा सके।
मंगलवार सुबह अपने सरकारी आवास पर पुलिस विभाग के सीनियर अधिकारियों की उच्चस्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए भगवंत मान ने कहा कि किसी को भी राज्य के शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कुछ विरोधी ताकतें राज्य में गड़बड़ी पैदा करने के लिए प्रयासरत हैं, जो अपने मंसूबों में कभी भी कामयाब नहीं हो सकेंगी।
इस दौरान डीजीपी ने मुख्यमंत्री को बताया कि कुछ और संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है ताकि पुलिस इस घटना की जड़ तक पहुंच सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस घटना के दोषियों के खिलाफ जल्द ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी और अनुकरणीय दंड दिया जाएगा, ताकि ऐसे अन्य असामाजिक तत्व भविष्य में ऐसी घिनौनी घटनाओं को अंजाम न दे सकें।
मीटिंग में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेनू प्रसाद, डीजीपी वीके भावरा, एडीजीपी (आंतरिक सुरक्षा) आरएन ढोके और एडीजीपी (इंटेलिजेंस) एसएस श्रीवास्तव भी शामिल थे।