आंदोलनकारी किसानों की ओर से बुलाए गए ‘भारत बंद’ को अधिकतर विपक्षी दलों ने समर्थन
कांग्रेस ने अपने सभी कार्यकर्ताओं, प्रदेश इकाई प्रमुखों और पार्टी से जुड़े संगठनों के प्रमुखों को ‘भारत बंद’ में शामिल होने को कहा है। बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने बंद का समर्थन करते हुए केंद्र से इन कानूनों को वापस लेने की मांग की। आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है। आरजेडी, तेलुगूदेशम और लेफ्ट पार्टियां पहले ही भारत बंद को अपना समर्थन देने की घोषणा कर चुकी हैं।
आंदोलनकारी किसानों की ओर से बुलाए गए ‘भारत बंद’ को अधिकतर विपक्षी दलों ने समर्थन दिया है। केंद्र सरकार के तीन खेती कानूनों के विरोध में 40 से ज्यादा किसान संगठनों ने आज भारत बंद का ऐलान किया है। किसान नेताओं ने सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक सभी सरकारी और निजी दफ्तरों, संस्थानों, बाजारों, दुकानों और उद्योगों को बंद रखने की अपील की है। पिछले साल नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों की सरकार से कई राउंड बातचीत हुई मगर नतीजा सिफर रहा। सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए किसान संगठन पहले भी ‘चक्का जाम’ और ‘भारत बंद’ कर चुके हैं। हालांकि नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध जल्द समाप्त होता नहीं दिख रहा।
किसान संगठन लंबे समय से आज के भारत बंद की तैयारी कर रहे थे। आज सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक पूरे देश में भारत बंद रहेगा।संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में आंदोलनकारी किसानों ने कई योजनाएं बनाई हैं कि आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर, देश भर में बाकी काम बंद रहें। SKM ने बंद के दौरान विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर पूर्ण शांति का आह्वान किया है। किसान नेताओं का दावा है कि पूरे भारत से लोगों का भारी समर्थन मिला है, भारत बंद सफल रहेगा। इसके साथ ही लोगों से अपील की है कि शांति बनाए रखे, कानून के दायरे में रहकर बंद को सफल बनाएं।