चार अन्य किताबों की भी चल रही है जांच
मोहाली: पंजाब सरकार ने 12वीं की इतिहास से जुड़ी विवादित तीन पुस्तकों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी है। ये किताबें राज्य के स्कूलों में नहीं पढ़ाई जाएगी। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड पीएसईबी के चेयरमैन प्रो. योगराज ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि 12वीं कक्षा के पंजाब के इतिहास से जुड़ी किताबों की विषय-वस्तु के बारे में पड़ताल करवाई गई। ये किताबें 2007 से लेकर 2017 तक प्रचलित थी। यह जांच बोर्ड के पड़ताल अफसर आईपीएस मल्होत्रा को सौंपी गई है।
इस बारे में बलदेव सिंह सिरसा ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को शिकायत दी थी। उन्होंने कहा था कि किताबों में कुछ टिप्पणियां हैं, जो सिख इतिहास के अनुसार सही नहीं है, जो सिख भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं। इसके बाद इसकी जांच आईपीएस मल्होत्रा को सौंपी गई। इसमें तीन लेखक व प्रकाशक शामिल थे। इनमें डॉ. मनजीत सिंह सोढी की मॉडर्न एबीसी ऑफ हिस्ट्री ऑफ पंजाब, मॉडर्न पब्लिशर जालंधर, डॉ. महिंदरपाल कौर की हिस्ट्री ऑफ पंजाब मल्होत्रा बुक डिपो (एमबीडी) जालंधर, एमएम मान की पंजाब का इतिहास राज पब्लिशर्स जालंधर शामिल हैं। पड़ताल अफसर की तीनों किताबों संबंधी रिपोर्ट आने के बाद मामला शिक्षा विभाग को भेजा गया। सरकार ने जांच पर सहमति जताई। इसके बाद तीनों पुस्तकों की बिक्री पर पाबंदी लगाई। उक्त आदेशों के पालन के लिए डायरेक्टर एससीईआरटी व सारे जिलों शिक्षा अफसरों को बोर्ड ने जागरूक करवाया।
चेयरमैन ने बताया कि किताबों को 2017 तक नोटिफाई करते समय काम करने वाले कर्मचारियों व अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही पीएसईबी द्वारा ऐसी सारी अधिसूचनाएं जो कि इन किताबों के बारे में जारी की गई हैं, उन्हें भी वापस लेने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा जालंधर के प्रदीप पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित व डॉ. एसी अरोड़ा की पंजाब का इतिहास की भी आईपीएस मल्होत्रा जांच कर रहे हैं। इसके साथ ही तीन अन्य पाठ्य-पुस्तकों जिनकी सामग्री उक्त पाठ्य-पुस्तकों से मिलती-जुलती हैं, उन्हें भी जांच का हिस्सा बनाया गया है। इस बारे में रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट के अन्य पहलुओं पर भी सरकार स्तर पर कार्रवाई चल रही है।