शिमला : बहुचर्चित वीआईपी नंबर (एचपी 99-9999) के लिए एक करोड़ की बोली लगाने वाले सभी बोलीदाता फर्जी निकले। परिवहन विभाग के अनुसार एक करोड़ की बोली लगाने वाले तीनों बोलीदाताओं ने वीआईपी नंबर (एचपी 99-9999) को नहीं खरीदा है।
परिवहन विभाग ने एक करोड़ से अधिक की बोली लगाने वाले तीनों बोलीदाताओं को 30 प्रतिशत पंजीकरण फीस जमा करवाने के लिए 3 दिन का समय दिया था। देशराज और संजय कुमार की समयावधि पहले ही बीत चुकी थी, उन दोनों में से किसी ने भी 30 प्रतिशत पंजीकरण फीस जमा नहीं करवाई थी, ऐसे में अब आखिरी बोलीदाता ने भी समयावधि तक फीस जमा नहीं करवाई है।
एक करोड़ की फर्जी बोली लगाने वालों के खिलाफ परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। आरएलए कोटखाई में एचपी 99 की सीरीज दी गई है। इस सीरीज के एचपी 99-9999 नंबर के लिए देशराज नाम के व्यक्ति ने सबसे ज्यादा 1 करोड़ 12 लाख 15 हजार 500 रुपए की बोली दी है। दूसरे नंबर पर संजय कुमार हैं, जिन्होंने एक करोड़ 11 हजार रुपए की बोली लगाई है। तीसरे नंबर पर धर्मवीर सिंह हैं, जिन्होंने एक करोड़ 500 रुपए इस नंबर के लिए बोली में लगाए हैं।
उपमुख्यमंत्री और परिवहन विभाग देख रहे मुकेश अग्निहोत्री ने परिवहन निदेशक को निर्देश दिए थे कि यदि यह नंबर नहीं जाता है तो संबंधित लोगों के खिलाफ सरकारी सिस्टम के दुरुपयोग और जानबूझकर धोखाधड़ी करने के मामले में केस दर्ज किया जाए। विभाग को कहा गया है कि यह इंक्वायरी पहले एसडीएम को दी जाए और उसके बाद मामला पुलिस को सौंपा जाए।