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24 जून के बाद हिमाचल की 3,615 पंचायतों में ठप हो सकते हैं विकास कार्य

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हिमाचल में जिला परिषद कर्मचारी और अधिकारी महासंघ ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देकर पेन डाउन हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया था, लेकिन मांगे पूरी नहीं की गई हैं। विश्राम गृह बरठीं में ब्लॉक झंडूता की 42 पंचायतों के कर्मचारी इकट्ठा हुए और भविष्य की रणनीति तैयार की। 

बिलासपुर: प्रदेश की 3,615 पंचायतों में 24 जून के बाद अनिश्चित काल के लिए पंचायतों के सभी कार्य पूर्ण रूप से बंद हो जाएंगे। प्रदेश सरकार की ओर से पंचायत के लगभग 4,700 कर्मचारियों की मांगों को पूरा न करने पर यह निर्णय लिया गया है। मांगो को मनवाने के लिए हिमाचल में जिला परिषद कर्मचारी और अधिकारी महासंघ ने सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देकर पेन डाउन हड़ताल शुरू करने का ऐलान किया था, लेकिन अभी तक मांगे पूरी नहीं की गई हैं।

मंगलवार को विश्राम गृह बरठीं में ब्लॉक झंडूता की 42 पंचायतों के कर्मचारी इकट्ठा हुए और भविष्य की रणनीति तैयार की। इस बैठक में जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्य योजना तैयार की गई। महासंघ के जिला अध्यक्ष नीरज शर्मा, राजेंद्र कुमार, ब्रह्मदत, वीरेंदर चड्ढा, राकेश कुमार, सुनीता देवी, सपना, गोदा देवी, चंद्र मोहन, अमित कुमार और अजय कुमार ने बताया कि सरकार को 15 दिन का समय दिया गया है। यदि उनकी मांगें 24 जून तक नहीं मानी गई तो आंदोलन होगा। नेताओं ने दोटूक कहा कि जिला परिषद कैडर के अधीन कार्यरत करीब 4,700 कर्मचारी और अधिकारी पिछले 22 साल से विभाग में विलय की राह देख रहे हैं।

लंबे अंतराल के बाद नियमितीकरण होने पर भी जिला परिषद कैडर के कर्मचारी अन्य विभागों की तरह स्थायी सरकारी कर्मचारी की तर्ज पर सुविधाएं और आर्थिक लाभ नहीं ले पा रहे हैं। सभी कर्मचारी और अधिकारी पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग के कार्य बखूबी कर रहे हैं। हाल ही में प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने जिला परिषद कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग के वित्तीय लाभ देने से इस कारण मना कर दिया था कि जिला परिषद कैडर में कर्मचारी और अधिकारी सरकारी कर्मचारी की श्रेणी में नहीं आते हैं। महासंघ ने सरकार से मांग की है कि उनके कैडर में कार्यरत समस्त कर्मचारियों, अधिकारियों का पूर्व की समस्त सेवा अवधि और वरिष्ठता को यथावत रखते हुए पंचायती राज विभाग में नियुक्ति की तिथि से विलय किया जाए। ऐसा न किए जाने पर 24 मई के बाद सभी कर्मचारी और अधिकारियों को सामूहिक अवकाश या कलम छोड़ो हड़ताल के लिए विवश होना पड़ेगा। 

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