दर्जनों बार उपायुक्त को पत्राचार के माध्यम से करा चुके हैं अवगत
संजीव कपूर/नाहन: जिला सिरमौर में लगतार पशुओं के लिए चारे की समस्या आ रही है।अब पशुओं के लिए सिर्फ गोशालाओं में मात्र 2 या तीन दिन तक का चारा ही बचा है यह कहना है गौरक्षक सचिन ओबरॉय का उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य द्वारा इन दिनों गेहूं के भूस के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है जिससे हिमाचल में पशुचारे का गहन संकट पैदा हो गया है। आमूमन सभी गोशाला संचालक व पशुपालक अप्रैल माह तक का ही भूस अपने पास खरीदकर रखते थे ताकि गेहूं की कटाई के सीज़न पर नया व सस्ता भूस पुनः लिया जा सके जिसकी अपने क्षेत्र में कमी के चलते पड़ोसी राज्यों से ही आपूर्ति होती थी परंतु इस बार हरियाणा राज्य ने इस पर रोक लगा दी है जिसके कारण अब समस्त गोवंश सहित अन्य दुधारू पशु भूख से मरने की कागार पर पहुंचने लगे हैं।
उन्होंने कहा कि इस बाबत उन्होंने अन्य पशुपालकों के साथ बीते 15 दिनों में अनेकों बार मांग पत्र सौंपा है परंतु अभी तक इसका कोई भी समाधान नहीं निकल पाया है। दिनांक 25 अप्रैल 2022 को ई-मेल माध्धयम से पत्र SSG-68/2020/34 भेजा था तथा साथ ही इसकी प्रतिलिपी CMO Himachal, CMO Haryana, DC Yamunanagar & DC Ambala (Haryana), President & Vice President Gau Sewa Ayog HP व Chief Sectry Himachal को उनके सरकारी ई-मेल पते पर भेजे गए थे परंतु अभी तक इस पर कोई भी कार्यवाही नहीं हुई।
उन्होंने बताया कि अब गोशालाओं में आगामी 2-3 दिन का ही चारा शेष बचा है और अभी तक आगामी वर्ष भर का तो दूर 1 दिन का भी चारे की व्यवस्था नहीं हो पाई है। अब गोशाला में रह रहे करीब 60 पशुधन का एक वक्त भी पेट भरने में असमर्थ है। अब मजबूरन 2 दिन बाद उन्हें अपने गोसदन के समस्त गोवंश सहित आपके SDM कार्यालय में बाहर आपना अधिकार मांगने धरने पर बैठना पड़ेगा।
गौरतलब है कि सचिन ओबरॉय इसके पहले भी गोवंश को सड़कों पर लावारिस ओर बेसहारा पशूओं को छोड़े जाने को लेकर पौण्टा रामलीला मैदान मे पहले भी भूख हड़ताल पर बैठे थे।