नाहन : सिरमौर जिले के संगड़ाह की कमलेश देवी ने अपनी मांग रखने के लिए अजब गांधीगीरी का तरीका अपनाया है। कमलेश देवी बच्चों, पति के साथ बैंड-बाजे के साथ इंसाफ पाने के लिए संगड़ाह से 65 किलोमीटर दूर नाहन के लिए कूच कर गई हैं। कमलेश का आरोप है कि उसके परिवार का शामलात भूमि पर 70 साल पुराना कब्जा था। उसने क्षेत्र के कुछ प्रभावशाली लोगों पर इसे छीनने का आरोप लगाया है। कमलेश बुधवार दोपहर बाद किंकरी देवी पार्क संगड़ाह से जिला मुख्यालय नाहन के लिए रवाना हुईं। यात्रा शुरू करने से पहले उन्होंने किंकरी देवी पार्क में धूप लगाकर माथा टेका। उसके बाद उन्होंने पति और बच्चों के साथ यात्रा शुरू की। उनके साथ दर्जनभर लोग भी हैं जिन्होंने गांधी टोपी पहनी हुई है।
कमलेश देवी ने बताया कि उपमंडल संगड़ाह में उनके जैसे दर्जनों परिवारों की शामलात भूमि छीन प्रभावशाली लोग उन्हें बेघर कर रहे हैं। इसके चलते उसने इस तरह का आंदोलन शुरू किया है। उन्होंने बताया कि सिरमौर पुलिस और प्रशासन ने उनकी दर्जनों शिकायतों को अनसुना किया है। लिहाजा, अब वह गाजे-बाजे के साथ उपायुक्त सिरमौर के दरबार में ज्ञापन देने जा रही हैं। मशहूर पर्यावरण प्रेमी किंकरी देवी के समुदाय से संबंध रखने वाली कमलेश ने बताया कि आज वह केवल अपने परिवार के साथ यह जंग शुरू कर रही हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे को पहले से उठा रहे गिरिपार अनुसूचित जाति समिति और दलित शोषण मुक्ति मंच जैसे संगठनों से भी मदद की गुहार लगाएंगी।
वहीं इस बारे एसडीएम संगड़ाह सुनील कायथ ने कहा कि महिला की ओर से शिकायत नहीं मिली है। पदयात्रा शुरू करने की जानकारी मीडिया से मिली है। इस संदर्भ में विस्तृत जांच बिठाकर महिला को न्याय देने का प्रयास करेंगे।