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गिरीखण्ड क्षेत्र मे निजी बस चालक परिचालक की मनमर्जी जनता पर भारी

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पथ परिवहन की बस जा रही घाटे मे, नहीं कर रहा कोई कार्यवाही, विभाग को कई बार कर ली शिकायत, अब होगा आंदोलन

सुरेश ठाकुर/ कफोटा: जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र में निजी बसों की मनमर्जी के साथ नियमों के विरुद्ध चलना आम बात है। आएदिन निजी बस चालक रूट पर अपनी मनमर्जी से चलते नजर आते है। इतना ही नहीं बल्कि निजी बसों के चालक व परिचालक की बेअदबी अक्सर जनता के साथ देखने को मिलती है।

हिमाचल पथ परिवहन निगम को कई बार क्षेत्रीय लोगों द्वारा शिकायते की गई है। लेकिन निजी बस मालिकों की ऊंची रसूख और अधिकारियों के साथ टेबल के नीचे वाली पेठ होने के कारण निजी बसों की मनमर्जी को रोकने वाला कोई नहीं है। ताजा मामला सुबह पांवटा साहिब से रोनहाट जाने वाली “निजी ट्रांसपोर्ट”, शंकर कोच का सामने आया है। जो अपने समय पर न चलकर निगम की इकलौती चोपाल जाने वाली बस का समय लेकर चल रही है। जिससे चौपाल बस को सवारिया नही मिल रही है। और निगम बस तेल का खर्च भी पूरा नहीं कर पा रही है। इस बाबत कई बार निगम बस चालक सहित परिचालक ने शंकर ट्रांसपोर्ट के चालक, मालिक सहित हिमाचल पथ परिवहन निगम के अधिकारियों को शिकायते की है। लेकिन निजी बस के खिलाफ विभागीय कार्यवाही नही हो पाई है।

इसलिए निजी बस मालिकों सहित चालक व परिचालक के हौंसले बुलंद है। क्षेत्रीय लोगों की माने तो पावटा साहिब से शिलाई रूट पर चलने वाली निजी बसों की मनमर्जी से लोग परेशान है। निजी बस के चालक और परिचालक दोनो जनता के साथ बेअदबी करते नजर आते है। अक्सर मनमर्जी से बसों को चलाते है। हर कही बस को रोककर घंटो खड़े रहते है। और फिर अचानक तेज स्पीड में बसों को चलाकर जहां नियमो का उलंघन करते है। वही बस में बैठी सवारियों को भारी परेशानियों से गुजरना होता है।

यदि निजी बसों में जरूरी सामान पावटा या नाहन भेजना होता है तो निजी बसों के चालक और परिचालको की बेअदबी का अक्सर शिकार होना पड़ता है। इसलिए प्रदेश सरकार से तमाम गिरीखंड की जनता मांग करती है। कि निजी बसों के रूट बंद किए जाए। और इनकी जगह सरकारी बसों को चलाया जाए। जो नेता और अधिकारी निजी बसों के मालिकों की खुशामत करते है। उनके खिलाफ प्रदेश सरकार से विभागीय कार्यवाही की मांग करते हुए सख्त कार्यवाही अम्ल में लाई जानी चाहिए। यदि जल्द हिमाचल प्रदेश निगम बोर्ड और सरकार सख्त कार्यवाही अम्ल में नही लाती है। तो प्रदेश स्त्रीय आंदोलन किया जाएगा। जिसमे नुकसान होने पर सरकार जिम्मेदार होगी।

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