प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय से शनिवार को जेबीटी शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम से जुड़े दो पत्रों ने हजारों अभ्यर्थियों को उलझा दिया
एनसीटीई की अधिसूचना में पात्र हैं बीएड डिग्री धारक
शिमला: प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय से शनिवार को जेबीटी शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम से जुड़े दो पत्रों ने हजारों अभ्यर्थियों को उलझा दिया। निदेशालय ने सचिव कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को पत्र जारी कर बीएड डिग्री धारकों को शामिल करते हुए परिणाम जारी करने के लिए कह दिया। करीब दो घंटे के भीतर निदेशालय ने दूसरा पत्र जारी कर आदेश को वापस लेते हुए मामला सरकार के विचाराधीन होने का हवाला देते हुए परिणाम पर रोक को बरकरार रखने के लिए कह दिया। इन दो घंटो के भीतर शिक्षक संगठनों ने परिणाम जारी करने वाला पत्र सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस पर चार वर्षों से परिणाम का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों ने सरकार का आभार जताना शुरू कर दिया। लेकिन कुछ ही देर में शिक्षक संगठनों ने परिणाम पर रोक बरकरार रहने का दूसरा पत्र सोशल मीडिया में डाल दिया। इससे अभ्यर्थी उखड़ गए और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
बीते 6 मई को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जेबीटी भर्ती के परिणाम को सशर्त जारी करने की मंजूरी दी थी। उल्लेखनीय है कि कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने दिसंबर 2018 में प्रारंभिक शिक्षा विभाग में जेबीटी शिक्षकों के 617 पदों को भरने के लिए आवेदन मांगे थे। इन पदों के लिए प्रदेश भर से करीब 42,000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। 12 मई 2019 को लिखित परीक्षा ली गई थी। लिखित परीक्षा में 30,000 से अधिक अभ्यर्थी उपस्थित हुए। परीक्षा के बाद बीएड उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर कर दिया गया। लिहाजा, ये अभ्यर्थी हाईकोर्ट में चले गए, जिसके बाद भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लग गया। हाईकोर्ट की ओर से बीएड करने वालों को भी भर्ती में शामिल करने का फैसला सुनाया गया। इसके विरोध में जेबीटी और डीएलएड प्रशिक्षुओं ने खोल मोर्चा दिया। सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक कर जेबीटी के पक्ष में आते हुए हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में अभी मामला विचाराधीन है।
हाईकोर्ट ने 28 जून 2018 की नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) की जिस अधिसूचना को लागू करने को कहा है, उसके तहत बीएड डिग्री धारक जेबीटी के पदों की भर्ती के लिए सशर्त पात्र बनाए गए हैं। बशर्ते उन्हें नियुक्ति प्राप्त करने के बाद छह महीने का अतिरिक्त ब्रिज कोर्स करना होगा। बीएड डिग्री धारक याचिकाकर्ताओं का कहना है कि वे शिक्षक पात्र परीक्षा (टेट) उत्तीर्ण भी हैं। एनसीटीई के नियमों के तहत जेबीटी शिक्षक बनने के लिए पात्रता रखते हैं।