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मुख्याध्यापक का ईजाद, शिक्षक की गैरमौजूदगी में 20 फीट लंबा पेन लेगा बच्चों की क्लास

By अखण्ड भारत

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Summary

Invention of the headmaster, in the absence of the teacher, the children's class will take 20 feet long pen

विस्तार से पढ़ें:

नाहन विधानसभा के राजकीय उच्च विद्यालय नौरंगाबाद स्कूल के मुख्याध्यापक एवं विज्ञान के शिक्षक डॉ. संजीव अत्री ने 20 फीट लंबा और एक फीट चौड़ा पेन तैयार किया है, लोहे और लकड़ी से तैयार स्याही वाले 41 किलोग्राम वजनी इन पेन में साउंड सेंसर का इस्तेमाल किया गया है

नाहन: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी किसी से छिपी नहीं है। शिक्षकों की इसी कमी से निजात दिलाएगा 20 फीट लंबा और एक फीट चौड़ा एक ऐसा पेन जो स्कूल में बच्चों की क्लास लेगा। सिरमौर जिले की नाहन विधानसभा के दुर्गम क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्च विद्यालय नौरंगाबाद स्कूल के मुख्याध्यापक एवं विज्ञान के शिक्षक डॉ. संजीव अत्री ने एक ऐसा ही पेन तैयार किया है। लोहे और लकड़ी से तैयार स्याही वाले 41 किलोग्राम वजनी इन पेन में साउंड सेंसर का इस्तेमाल किया गया है।

शिक्षक यदि अगले दिन अवकाश करने वाला है तो एक दिन पहले ही उससे बच्चों को पढ़ाई जाने वाली विषयवस्तु (चैप्टर) तैयार करवाकर पेन में डिलीवर कर दी जाएगी। अगले दिन बच्चों को पेन के समीप बिठाकर छुट्टी पर गए शिक्षक की आवाज में पढ़ाकर सेंसर अपना काम शुरू कर देगा। पेन के ढक्कन वाले हिस्से पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, जिसका नियंत्रण स्कूल प्रबंधन के पास रहेगा। कार्यालय में बैठकर स्कूल प्रबंधन परिसर में बच्चों पर नजर रख सकेगा और साउंड सेंसर के जरिये बच्चों का नाम भी पुकारा जा सकेगा। यह पेन रात के समय रोशनी भी बिखेरेगा। इस स्कूल में पीईटी नहीं है तो स्कूल में प्रार्थना सभा भी पेन करवाएगा। खाली पीरियड में पेन बच्चों को कहानी सुनाएगा। इस पेन से बच्चे गीत भी सुन सकते हैं। एक तरह से यह खोज शिक्षकों की कमी से निपटने में सहायक होगी।

45,000 रुपये आई है लागत, 31 मई को स्थापित होगा पेन

 मुख्याध्यापक डॉ. संजीव अत्री ने बताया कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर 31 मई को पेन स्थापित किया जाएगा। विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो, इसलिए ऐसा पेन तैयार किया गया है। यह पेन स्कूल में किसी भी शिक्षक के अनुपस्थित होने पर उस शिक्षक का विषय पढ़ा सकता है। गौर हो कि यह वही स्कूल है, जहां मिनी सिनेमाघर तैयार किया गया है। पिछले साल इस स्कूल में बच्चों की संख्या 64 थी। इस बार यहां 115 बच्चे पढ़ रहे हैं। स्कूल में की जा रही नई खोजों से बच्चों की इस स्कूल में रुचि बढ़ती जा रही है। मुख्याध्यापक ने बताया कि पेन तैयार करने में 45,000 रुपये लागत आई है। इस पेन को बिजली या सौर ऊर्जा से चार्ज किया जा सकेगा। इसे तीन हिस्सों में बनाया है। पहला ढक्कन, दूसरा बीच का हिस्सा और तीसरे हिस्से में आठ इंच लंबी इसकी निब है, जिससे लिखा भी जा सकता है।

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