भवन के साथ लगती जमीन मालिकों के नाम से पहले ही शपथपत्र तैयार किए गए, इसके बाद उनके जाली हस्ताक्षर कर दिये गए
घटिया निर्माण सामग्री के सैंपल जांच के लिए जुन्गा भेजे
शिमला: प्रदेश सरकार में बड़े पदों पर रहे एक पूर्व आईएएस अधिकारी पर शपथपत्र के नाम पर फर्जीवाड़े के आरोप में मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि अधिकारी ने नगर निगम में भवन का नक्शा पास करवाने के लिए साथ लगती जमीन (भवन) के मालिकों के झूठे शपथपत्र दिए हैं। वह शिमला के पटयोग में भवन बना रहे थे। नक्शा पास करवाने के लिए भूमि का शपथपत्र जरूरी होता है।
अधिकारी ने अपने भवन के साथ लगती जमीन के मालिकों के नाम से पहले ही शपथपत्र तैयार किए। इसके बाद उनके जाली हस्ताक्षर कर दिए। विजिलेंस ने पूर्व आईएएस अधिकारी के खिलाफ विजिलेंस थाने में दो मई, 2022 को इस बाबत एफआईआर नंबर 1/22 दर्ज की है। न्यू शिमला निवासी एक महिला ने विजिलेंस में अधिकारी के खिलाफ यह शिकायत की है। उल्लेखनीय है कि भवन का नक्शा तब तक पास नहीं होता है, जब तक साथ लगते जमीन के मालिकों को कोई आपत्ति नहीं होती है। इसी को लेकर शपथपत्र लिया जाता है। इसके बिना नक्शा पास नहीं किया जा सकता है।
हॉस्टल में घटिया निर्माण की शिकायत पर भी विजिलेंस ने जांच शुरू की है। जांच टीम ने मौके पर जाकर सैंपल जुटाए हैं। अब इन्हें जांच के लिए फोरेंसिक प्रयोगशाला जुन्गा भेजा गया है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार को करोड़ों का फायदा देने के लिए घटिया निर्माण कार्य किया गया है। उधर, नाहन मेडिकल कॉलेज में एनेस्थीसिया के एचओडी के खिलाफ भी बिना लिखित सूचना दिए प्राइवेट अस्पताल में सेवाएं देने के मामले में विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है।