कांगड़ा सहित पांच जिले मंडी
विश्वविद्यालय और सात जिले शिमला विश्वविद्यालय में शामिल किए गए हैं
शिमला: प्रदेश सरकार ने शिमला और मंडी राज्य विश्वविद्यालय में कॉलेजों का बंटवारा कर दिया है। शिमला विश्वविद्यालय में 165 और मंडी विश्वविद्यालय में 137 सरकारी और निजी कॉलेज शामिल किए गए हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कॉलेजों के बंटवारे को मंजूरी दी गई। कांगड़ा जिला सहित पांच जिले मंडी विश्वविद्यालय और सात जिले शिमला विश्वविद्यालय में शामिल किए गए हैं। शिमला विश्वविद्यालय में शिमला, सोलन, सिरमौर, हमीरपुर, बिलासपुर, किन्नौर, ऊना जिला के कॉलेज आएंगे। मंडी विश्वविद्यालय में मंडी, कांगड़ा, चंबा, लाहौल स्पीति और कुल्लू जिला के कॉलेज आएंगे। कांगड़ा को मंडी विश्वविद्यालय में शामिल करने पर छिड़े विवाद के बाद सरकार ने पुराने फैसले में बदलाव कर दिया है। अप्रैल में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस मामले को लेकर विस्तार से चर्चा की गई थी। सरकार ने शिक्षा विभाग को दोबारा से कॉलेजों के बंटवारे का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे।
सरकार की ओर से बीते माह जारी अधिसूचना के तहत दोनों राज्य विश्वविद्यालयों में छह-छह जिलों का बंटवारा किया गया था। राजधानी शिमला स्थित समरहिल विश्वविद्यालय के अधीन छह जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर, कांगड़ा और ऊना के 88 डिग्री सरकारी कॉलेज और मंडी विश्वविद्यालय को कुल्लू, मंडी, लाहौल स्पीति, चंबा, बिलासपुर और हमीरपुर जिला के 47 डिग्री सरकारी कॉलेज दिए गए थे। अमर उजाला ने 27 अप्रैल के अंक में इस फैसले को प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशित होने के बाद कांगड़ा जिला कॉलेजों को शिमला विश्वविद्यालय में शामिल किए जाने को लेकर प्रदेश भर में विरोध शुरू हुआ था। 27 अप्रैल को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने कॉलेजों के बंटवारे पर दोबारा मंथन करने का फैसला लिया था। अब सोमवार को सरकार ने प्रदेश के सरकारी और निजी कॉलेजों का दोबारा बंटवारा कर दिया है।
क्लस्टर विवि मंडी को अपग्रेड कर बनाया राज्य विवि
प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला की स्थापना 22 जुलाई 1970 को हुई थी। हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा 25 जनवरी 1971 को मिला। एचपीयू की स्थापना के 52 वर्ष बाद अब हिमाचल प्रदेश को दूसरा राज्य विश्वविद्यालय मिला है। शिमला विश्वविद्यालय से संबद्ध सरकारी और निजी कॉलेजों की संख्या 300 से अधिक हो गई है। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी नहीं है कि प्रदेश के सारे विद्यार्थी पढ़ाई से संबंधित कार्यों के लिए शिमला पहुंच सकें। ऐसे में प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले कई विद्यार्थी उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। पीजी कक्षाओं में सीटें सीमित होने के कारण भी कई विद्यार्थी शिमला विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं ले पाते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी में क्लस्टर विश्वविद्यालय को अपग्रेड कर राज्य विश्वविद्यालय बनाया गया है।