दिन के समय हमला होता तो जा सकती थी कई लोगों की जान
मोहाली/पंजाब: मोहाली में सोमवार शाम को पंजाब इंटेलिजेंस के दफ्तर पर रॉकेट लांचर से हमला किया गया था। यह ऑफिस सेक्टर-78 में है। यह एरिया काफी पॉश माना जाता है। ऐसे में अगर यह हमला दिन के समय होता तो कई लोगों की जान जा सकती थी। इस इमारत में पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारियों के दफ्तर हैं। साथ ही राज्यभर से लोग अपनी शिकायतों को लेकर आते रहते हैं। इसके पास में ही एक निजी अस्पताल व शैक्षणिक संस्थान भी हैं।
पंजाब पुलिस के खुफिया दफ्तर पर जिस जगह हमला हुआ है उससे दो किलोमीटर की दूरी पर भारतीय सीमा सुरक्षा बल का कैंपस व मुख्यालय भी है। इसके अलावा भारतीय सेना को नौ साल में डेढ़ सौ से ज्यादा जवान देने वाला महाराजा रणजीत सिंह संस्थान ही इस इमारत से मात्र 200 मीटर की दूरी पर स्थित है जहां पर कैडेट रहते हैं। यहां पर सुबह ही कैडेट्स की ट्रेनिंग शुरू हो जाती है ।
पुलिस अधिकारी इस मामले की जांच कई एंगलों पर कर रहे हैं। क्या इस हमले का उद्देश्य मात्र दहशत फैलाना था या फिर नुकसान करना था। मोहाली के सेक्टर-78 में इस इमारत के पास ही वरिष्ठ अधिकारियों और न्यायधीशों के निवास स्थान हैं। घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया है । इतना ही नहीं इस वजह से इलाके के लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे थे। पुलिस वाले भी पहलु पर काम रहे हैं। हालांकि पुलिस अधिकारी दावा कर रहे हैं कि किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। इस वारदात के पीछे जो भी लोग होंगे, जल्दी ही वे पकड़े जाएंगे। रॉकेट लांचर से हमले की सूचना के बाद मोहाली ही नहीं बल्कि ट्राइसिटी के अधिकारी हरकत में आ गए। एसएसपी चंडीगढ़ कुलदीप सिंह चहल, एसएसपी मोहाली विवेक शील सोनी ने मौके पर पहुंचकर सारे तथ्यों की जांच-पड़ताल की।
चंडीगढ़-मोहाली बार्डर के पास बुड़ैल जेल के पीछे टिफिन बम मिलने से दहशत अभी दूर नहीं हुई थी कि अब दोबारा इस तरह की घटना सामने आई है। हालांकि पुलिस ने उक्त मामले के बाद एहतियात के रूप में पूरे शहर के एंट्री प्वाइंट सील कर दिए थे। साथ ही बंकर तक बनाए गए थे। वहीं, अब इस तरह पुलिस की इमारत को निशाना बनाकर आरोपी खुली चुनौती पेश कर रहे हैं। इससे पहले दिन में राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से नशा तस्करी व सुरक्षा को लेकर बैठक की थी।
मोहाली में जिससे हमला किया गया उस रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड (आरपीजी) की रेंज करीब 700 मीटर होती है। इससे किसी भी टैंक, बख्तरबंद गाड़ी, हेलिकॉप्टर या विमान को उड़ाया जा सकता है। सेना से जुड़े विशेषज्ञ कहते हैं कि इस तरह के हथियार को अफगानिस्तान में देखा गया था। पंजाब के पूर्व डीजीपी शशिकांत सिंह ने कहा कि इस तरह का हथियार पंजाब में पहली बार देखने को मिला है।