हिमाचल में बीते दो महीने से कोरोना का कोई गंभीर मामला नहीं आया है, प्रदेश सरकार ने जिला उपायुक्तों को कोरोना सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं
शिमला: कोरोना की चौथी लहर की आशंका के बीच सरकार गंभीर हो गई है। जिलों में 6,000 कर्मचारियों की फील्ड में तैनाती करने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें स्वास्थ्य कर्मचारी के अलावा आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की टीमें बनेंगी। लोगों के घरों में जाकर बीमार व्यक्ति के कोरोना सैंपल लिए जाएंगे। बीमार लोगों को घर द्वार पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। प्रदेश सरकार ने सभी 68 विस क्षेत्रों में मोबाइल क्लीनिक खोलने का फैसला लिया है। इन क्लीनिकों में दो- दो डॉक्टरों की तैयारी होगी।
जिला उपायुक्तों को कोरोना सैंपलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ व्यवस्था को लेकर बैठकें करने के लिए भी कहा है। रैंडम सैंपलिंग के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि हिमाचल में बीते दो महीने से कोरोना का कोई गंभीर मामला नहीं आया है। लोगों को अस्पतालों में भर्ती करने के बजाय घरों में आइसोलेट होने की सलाह दी जा रही है। दो महीने से प्रदेश में कोरोना से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ते देख सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को अपनी तैयारियां करने के लिए कहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के निदेशक हेमराज बैरवा ने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को अवगत करवाया गया है।